बुकी द्वारा मैच फिक्स के लिए संपर्क करने की बात आईसीसी को नहीं बताने के कारण बांग्लादेश के कप्तान और शीर्ष ऑलराउंडर शाकिब अल हसन के ऊपर बैन लगा दिया गया था और अब उन्होंने मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) की विश्व क्रिकेट समिति का पद भी छोड़ दिया है।
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32 वर्षीय शाकिब आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई में संदिग्ध भारतीय सट्टेबाज दीपक अग्रवाल की रिपोर्ट करने में विफल रहे थे। इसके कारण उन पर मंगलवार को दो साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था। निलंबन के कारण दिग्गज ऑलराउंडर भारत के खिलाफ अगले महीने होने वाली श्रृंखला और अगले साल होने वाले आईपीएल और टी20 विश्व कप से बाहर हो जाएंगे।
एक प्रेस रिलीज के माध्यम से क्लब ने कहा, '' एमसीसी आज इस बात की पुष्टि कर सकता है कि शाकिब अल हसन ने एमसीसी विश्व क्रिकेट समिति के साथ अपनी भागीदारी से पद छोड़ दिया है।" शाकिब ने आईसीसी भ्रष्टाचार निरोधक संहिता का उल्लंघन करने के आरोपों को स्वीकार कर लिया है और इसलिए उन्हें सजा के खिलाफ अपील करने का अधिकार नहीं है। इस उल्लंघन के लिए अधिकतम पांच वर्ष की सजा का प्रावधान है।
शाकिब अक्टूबर 2017 में एमसीसी विश्व क्रिकेट समिति में शामिल हुए थे और सिडनी एवं बेंगलुरु की बैठकों में भाग लिया था। विश्व क्रिकेट समिति के अध्यक्ष माइक गैटिंग ने कहा, ''हमें समिति से शाकिब के जाने से खेद है, उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में बहुत कुछ योगदान दिया है। क्रिकेट की आत्मा के संरक्षक के रूप में हम उनके इस्तीफे का समर्थन करते हैं और मानते हैं कि यह सही निर्णय है।"
आईसीसी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, शाकिब को दीपक अग्रवाल ने आईपीएल और बीपीएल के दौरान तीन अलग-अलग अवसरों पर टीम संरचना और रणनीति के बारे में जानकारी देने के लिए सम्पर्क करने की कोशिश की थी। हालांकि, शाकिब ने उनसे संपर्क नहीं किया लेकिन उन्होंने इस बाबत कोई जानकारी आईसीसी को नहीं दी थी। इसके कारण उनपर प्रतिबंध लगा है।
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