भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज के दौरान डीआरएस में अम्पायर्स कॉल को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे। विराट कोहली ने भी मुद्दे को उठाया था। आईसीसी ने अब डीआरएस में कुछ चीजों में बदलाव किया है लेकिन अम्पायर्स कॉल को बरकरार रखने का निर्णय लिया गया है। डीआरएस के तहत तीसरे अम्पायर को कुछ अधिकार मिले हैं।
अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी क्रिकेट बोर्ड और क्रिकेट कमेटी ने अम्पायर कॉल को अम्पायर का फैसला सर्वोपरि रखते हुए बरकरार रखा है। कुंबले ने कहा कि डीआरएस का मतलब बड़ी गलतियों को ठीक करना है।
डीआरएस और थर्ड अम्पायर के निर्णय में तीन बदलाव
इस दौरान क्रिकेट कमेटी ने तीन बदलावों को हरी झंडी दी है। इसमें पहला बदलाव यह है कि विकेट जोन की उंचाई को बढ़ाकर स्टंप के ऊपर तक कर दिया गया है। इससे अम्पायर्स कॉल विकेट की उंचाई और चौड़ाई दोनों में एक जैसी रहेगी। दूसरा बदलाव यह हुआ है कि LBW में रिव्यू लेने से पहले खिलाड़ी अम्पायर से बात कर यह पूछ पाएगा कि क्या बल्लेबाज ने गेंद को खेलने का प्रयास सही तरीके से किया है।
तीसरे और अंतिम बदलाव में तीसरे अम्पायर को शक्ति प्रदान की गई है। इसमें तीसरा अम्पायर किसी शॉर्ट रनको जांच कर अपना फैसला दे पाएगा। शॉर्ट रन के मामलों में कुछ विवाद पहले देखे गए थे। इन तीन नियमों को आईसीसी ने हरी झंडी दी है।
अम्पायर कॉल को बरकरार रखने का मकसद यही बताया गया है कि मैदान पर खड़े अम्पायर का फैसला सबसे ऊपर माना जाए। किसी बड़ी गलती के लिए डीआरएस का इस्तेमाल कर उन्हें ठीक किया जा सकता है लेकिन अम्पायर्स कॉल को बड़ी गलती में शामिल नहीं किया गया है। पिछले कुछ समय से अम्पायर्स कॉल को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे लेकिन इससे छेड़छाड़ नहीं की गई है।