दुनिया भर में कोविड 19 जैसी भयावह महामारी को देखते हुए आईसीसी क्रिकेट कमेटी ने कुछ सुझाव दिए हैं। आईसीसी क्रिकेट कमेटी ने आधिकारिक रूप से गेंद पर सलाइवा यानि लार इस्तेमाल नहीं करने की सिफारिश की है। खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिए थूक का इस्तेमाल करते हैं लेकिन आईसीसी को इस सिफारिश के बाद सोचने की जरूरत होगी। पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले के नेतृत्व में इस कमेटी ने कोरोना वायरस को देखते हुए कई अन्य सुझाव भी दिए हैं।
अनिल कुंबले ने कहा "हम असाधारण समय से गुजर रहे हैं और समिति ने आज जो सिफारिशें की हैं, वे अंतरिम उपाय हैं जिनसे हम क्रिकेट को सुरक्षित तरीके से फिर से शुरू कर सकें, ताकि हमारे खेल के सार को संरक्षण दिया जा सके।"
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आईसीसी क्रिकेट कमेटी की सिफारिशें
हर प्रारूप में अंतरिम तौर पर एक एक्स्ट्रा डीआरएस देने की सिफारिश भी आईसीसी कमेटी ने की है। इसके अलावा मैच आयोजित करने वाले देश के ही अम्पायर और मैच रेफरी को ही नियुक्त करने की सिराफिश भी की गई है। फ़िलहाल सभी देशों के बॉर्डर बंद होने तथा फ्लाइट की आवाजाही को लेकर आने वाली पाबंदियों और कड़ाई को देखते हुए अस्थायी तौर पर यह सुझाव लागू करने के लिए कहा गया है।
खिलाड़ी अपने मुंह में मीठे पदार्थ और च्विंगम आदि चबाते हैं और इससे गेंद चमकाने से कोरोना वायरस फैलने के खतरे को कम करने के लिए सलाइवा का इस्तेमाल बंद करने की सिफारिश की गई है। जिस देश में एलिट पैनल के व्यक्ति नहीं हैं वहां के श्रेष्ठ पैनल को एलिट पैनल के लिए नियुक्त करने की सिफारिश की गई है। दूसरे शब्दों में कहें तो आयोजक देश के ही अम्पायर और मैच अधिकारी लगाने की बात कही गई है।
आईसीसी कमेटी की सभी सिफारिशों को आईसीसी बोर्ड मीटिंग में रखा जाएगा। यह मीटिंग 28 मई को होनी है। इसके बाद ही इन सिफारिशों पर फैसले की पुष्टि हो पाएगी। आईसीसी बोर्ड को ही इस मामले में अंतिम फैसला लेना है। देखना होगा कि खेल को फिर से शुरू करने के लिए इन जरूरी कदमों को आईसीसी किस तरह लागू करती है।