भारत (India) और न्यूजीलैंड (New Zealand) के बीच इंग्लैंड के साउथैम्पटन में हुए वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल मैच को जीतकर कीवी टीम पहली वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियन बन गई। इंग्लैंड में मुकाबला आयोजित कराने के पीछे वजह यही थी कि फाइनल खेलने वाली दोनों टीमों को घरेलू परिस्थितियां नहीं मिले और एक तटस्थ स्थान पर मैच सम्पन्न कराया जाए।
हालांकि न्यूट्रल वेन्यू को लेकर आईसीसी पर कुछ सवाल खड़े होते हैं। खासकर इस मैच को देखने के बाद कह सकते हैं कि तटस्थ वेन्यू की परिभाषा तय होनी चाहिए। एक समय ऐसा था जब फाइनल की दौड़ में इंग्लैंड की टीम भी थी लेकिन भारत के खिलाफ सीरीज हारने के बाद इंग्लिश टीम बाहर हो गई। अगर इंग्लैंड की टीम फाइनल में होती, तो क्या लॉर्ड्स या साउथैम्पटन के मैदान न्यूट्रल वेन्यू कहलाते?
साउथैम्पटन में वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप शुरू होने के बाद पूर्व भारतीय खिलाड़ी आकाश चोपड़ा ने कहा था कि भारतीय टीम के लिए तो यह कहीं से भी न्यूट्रल वेन्यू नजर नहीं आता। परिस्थितियां कुछ-कुछ न्यूजीलैंड के मैदानों की तरह थी और कीवी गेंदबाजों की स्विंग और उछाल से यह बात साबित हो जाती है।
देखा जाए तो न्यूजीलैंड को परिस्थितियों में परेशानी इसलिए नहीं हुई क्योंकि इस तरह के मैदानों पर वे हमेशा अपने घर में खेलते रहते हैं। साउथैम्पटन में भी उनको घरेलू मैदानों की तरह पिच और परिस्थितियां मिली।
न्यूजीलैंड में ठंडे मौसम में गेंद हिलती है और साउथैम्पटन में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। कीवी टीम के हर गेंदबाज को स्विंग मिली और ठंडे मौसम का उन्होंने जमकर फायदा उठाया। इसी तरह न्यूजीलैंड के मैदानों में पिच में उछाल होता है। साउथैम्पटन में भी कुछ ऐसा ही देखने मिली। एक और खास बात यह है कि इंग्लैंड के अन्य मैदानों की तुलना में साउथैम्पटन में ज्यादा उछाल होता है, तो इसे न्यूट्रल वेन्यू कैसे माना जा सकता है। इसके अलावा कीवी मैदानों पर स्पिनरों के लिए कोई मदद नहीं होती और साउथैम्पटन में भी ऐसा नहीं था।
आकाश चोपड़ा ने एक बात यह भी कही थी कि न्यूट्रल वेन्यू साउथैम्पटन को कहा जा सकता है, तो यह यूएई का भी कोई मैदान हो सकता था। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि यूएई में धीमी पिचें होती और तेज गेंदबाजों के लिए वहां कोई मदद नहीं होती। कीवी टीम के लिए पिच और परिस्थितियों सहित हर चीज घरेलू मैदानों की तरह थी। इसलिए आईसीसी को आने वाले समय में न्यूट्रल वेन्यू की परिभाषा तय करनी होगी।