महिला विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया उनका पहला मैच टॉस के समय ही विवादों में आ गया। टॉस के समय ही वेस्टइंडीज की कप्तान स्टेफनी टेलर ने सबको भ्रमित कर दिया। टॉस जीतने के बाद टेलर ने मैच रेफरी डेविड जुकेस को बताया कि उनकी टीम पहले बल्लेबाजी करेगी लेकिन टेलीविज़न होस्ट ईयन बिशप ने पूछा तो टेलर ने कहा कि उनकी टीम पहले गेंदबाजी करेगी। इस बात से ऑस्ट्रेलिया की कप्तान मेग लेनिंग नाखुश दिखी और दोनों कप्तानों के बीच इस बात पर बहस होने लगी कि कौन सी बात मानी जाये। अंत में मैच रेफरी में फैसला सुनाया और कहा कि वेस्टइंडीज की कप्तान ने पहले बल्लेबाजी के लिए बोला था इसलिए यही फैसला अंतिम होगा। महिला विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज की टीमें एक दुसरे की कट्टर प्रतिद्वंदी हैं। दोनों टीमें 2013 विश्वकप के फाइनल में भी टकरा चुकी हैं। टॉस के समय यह नियम है कि टॉस जीतने के बाद एक बार कप्तान ने अपना निर्णय बता दिया वो उसे बदला नहीं जा सकता है। टॉस के समय हुए विवाद के कारण मैच शुरू होने से पहले ही माहौल गर्म हो गया। पिच को देख कर दोनों टीमें पहले गेंदबाजी करना चाहती थी लेकिन टेलर भ्रमित हो गयी और पहले बल्लेबाजी का फैसला ले लिया। टेलर ने बाद में बदलाव करने की कोशिश कि तब तक काफी देर हो चुकी थी और इस वजह से दोनों कप्तानों के बीच तेज़ बहस भी होने लगी, जिसके बाद मैच रेफरी में ने बीच में आकर अपना फैसला सुनाया। वेस्टइंडीज की टीम को कप्तान के फैसले का खामियाजा भुगतना पड़ा और टीम 8 विकेटों से मैच हार गयी। टॉस के अलावा भी एक विवाद हुआ जब मीडिया को ऑस्ट्रेलिया टीम की गलत एकादश सौंप दी गयी जिसमें लिखा था कि एशले गर्डनर नहीं बल्कि राचेल हेन्स इस मैच में खेल रही हैं। वेस्टइंडीज की कप्तान को इससे सीख लेनी पड़ेगी और आगे से अपना फैसला सोच समझ कर बताना पड़ेगा अन्यथा टीम को इसी तरह हार का सामना करना पड़ सकता है।