विश्व कप का दौर अब नजदीक है और भारतीय टीम इस टूर्नामेंट के लिए तैयारी कर रही है। भारत ने 1983 और 2011 का विश्व कप अपने नाम किया, किंतु दुर्भाग्यवश 2015 के विश्व कप में भारत सेमीफाइनल तक ही पहुंच सका। संभवत यह विश्व कप महेंद्र सिंह धोनी का अंतिम विश्व कप होने वाला है। भारतीय टीम 2019 के विश्व कप को जीतकर महेंद्र सिंह धोनी को काफी अच्छी विदाई दे सकती है।
2019 का विश्व कप, आईसीसी द्वारा आयोजित किया गया 12वां वनडे क्रिकेट विश्व कप टूर्नामेंट होगा। विश्व की सभी बड़ी टीमें इस खिताब जीतने के लिए अपना पूरा जोर लगाएंगी। वर्तमान भारतीय क्रिकेट टीम इस टूर्नामेंट को एक चुनौती के रूप में लेने को तैयार है, किंतु अभी भारतीय टीम में कुछ कमियां शेष रह गई हैं जिनका निदान वर्ल्ड कप से पहले होना आवश्यक है। तो आइए जान लेते हैं उन 3 बड़ी समस्याओं के बारे में जो भारतीय क्रिकेट टीम में अभी तक मौजूद हैं।
#3 एक फिनिशर का न होना
हमेशा से भारतीय टीम के पास काफी अच्छे फिनिशर रहे हैं, जिसमें कपिल देव से लेकर महेंद्र सिंह धोनी तक का नाम शामिल है। इन खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से कई मौके पर टीम को जीत दिलाई। किसी भी मुकाबले को खत्म करने में एक फिनिशर खिलाड़ी की भूमिका काफी अहम हो जाती है। ऐसे खिलाड़ी मैच में आकर कम गेंदों में ही काफी रन जुटा लेते हैं।
पिछले कुछ सालों से महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम के लिए एक अच्छे फिनिशर साबित हुए। जिन्होंने अहम मौको पर आकर भारतीय टीम को जीत दिलाई। किंतु महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट खेलते हुए काफी समय हो चुका है जिस कारण वे अब पहले की तरह बल्लेबाजी नहीं कर सकते। महेंद्र सिंह धोनी का स्थान हार्दिक पांड्या ले सकते हैं, किंतु वह भी अपनी इंजरी से जूझ रहे हैं। इनके अलावा दिनेश कार्तिक, केदार जाधव और विजय शंकर एक अच्छे फिनिशर हो सकते हैं किंतु यह आवश्यकता पड़ने पर लंबे-लंबे शॉट नहीं लगा सकते।
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#2 मिडिल क्रम का नियमित न होना
विश्व कप की दृष्टि से अभी तक भारत को मिडिल क्रम में बल्लेबाजी करने के लिए सही खिलाड़ियों का पता नहीं लगा है। रन बनाने के मामले में पूरी भारतीय टीम अपने टॉप चार बल्लेबाजों के ऊपर निर्भर हो जाती है, जो सही नहीं है। यदि भारतीय टीम का टॉप ऑर्डर नाकाम हो जाता है, तब मिडल ऑर्डर के बल्लेबाजों को रन जुटाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
2016 से भारत के टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया,जिस कारण भारत ने अनेकों मुकाबलों में जीत दर्ज की है। किंतु कुछ मुकाबले ऐसे भी देखने को मिले जब लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय बॉर्डर नाकाम होने पर, मिडल ऑर्डर के बल्लेबाज उस मुकाबले को जीतने में नाकाम रहे। मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों को टॉप ऑर्डर की तुलना में काफी कम गेंदे खेलने का अनुभव होता है, ऐसे में एक अच्छे बल्लेबाज को तीव्र गति से रन बनाने के साथ-साथ मैदान में टिक कर खेलने की प्रतिभा होनी चाहिए।
#1 5वें गेंदबाज का निर्धारण न होना
इस बात में कोई शक नहीं है कि वर्तमान में भारतीय टीम के पास सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज हैं। इन गेंदबाजों की सूची में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार का नाम आता है। किंतु इनके अलावा भारत को अन्य दो स्पिनर गेंदबाजों की भी आवश्यकता होगी। जिसके बारे में अभी तक भारतीय चयनकर्ता टीम द्वारा सोच विचार नहीं किया गया। कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल दोनों ही काफी अच्छे गेंदबाज हैं किंतु यदि इन पांचों खिलाड़ियों को एक मैच के दौरान खिलाया गया तब भारत की बल्लेबाजी कुछ कमजोर हो सकती है।
भारत को पांचवें गेंदबाज के रूप में ऐसा कोई भी क्रिकेटर अभी तक नहीं मिला है जो अच्छी गेंदबाजी के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर बल्लेबाजी भी कर सके। हार्दिक पांड्या, विजय शंकर और रविंद्र जडेजा तीनों ही इस हेतु चयनकर्ताओं की पहली नजर बन सकते हैं, किंतु यह तीनों ही बल्लेबाजी और गेंदबाजी में से किसी एक डिपार्टमेंट में अच्छे हैं।