वर्ल्ड कप 2019 में कोहली के लिए 'विराट' वरदान साबित होंगे धोनी?

Enter caption

इन दिनों सोशल मीडिया पर भारत के और रॉयल चैलेंज़र्स बैंगलोर (आरसीबी) के कप्तान विराट कोहली के लिए तेज़ी से एक चुटकुला वायरल हो रहा। चुटकुला कुछ यूं है- अब मोहल्ले के बच्चे भी..... ज़िद्द पकड़कर बैठे हैं कि... एक मैच.... आरसीबी से हमारा भी करवा दो..!! मज़ाक़ से ज़्यादा ये तंज है और वजह है, विराट कोहली के चैलेंज़र्स का आईपीएल 2019 में अब तक का लचर परफॉर्मेंस। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इंडियन फैंस और मीडिया बहुत जजमेंटल है लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए कोहली मौजूदा दौर के सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय कप्तान हैं और उनका लोहा ऑस्ट्रेलिया समेत पूरे विश्व ने हाल ही माना था जिसमें उन्होंने क्रिकेट के बादशाह कहे जाने वाले ऑस्ट्रेलियाई टीम को उनके ही घर में टेस्ट और वनडे में पटखनी दी थी।

Ad

अब बात अपने इस शीर्षक की करते हैं कि क्यों पूर्व भारतीय कप्तान और बाज़ से भी तेज़ नज़र रखने वाले महेंद्र सिंह धोनी को वर्ल्ड कप 2019 में कोहली के लिए 'विराट' वरदान माना जा रहा है? इसे समझने के लिए 5 साल पीछे चलते हैं याद कीजिए 2014 का इंग्लैंड दौरा, जब माही के कप्तानी में टीम लगान वसूलने गई थी लेकिन लगान तो छोड़िए टीम 3-1 से हारकर बाकी चीज़ें भी गंवा बैठी थी। आलोचना झेलने के लिए कप्तान कूल तैयार थे, आलोचना जमकर हुई भी और फिर आया इसी साल यानी 2014 में ऑस्ट्रेलिया टूर का समय , जिसने उनके टेस्ट करियर पर विराम लगा दिया। टीम के लचर परफॉर्मेंस की ज़िम्मेदारी लेते हुए उन्होंने बीच टूर में ही पहले कप्तानी छोड़ी और यकायक टेस्ट से संन्यास लेने का फैसला भी सुना दिया। तब तक कोहली टीम में कप्तानी के लिए मज़बूत दावेदार के रूप में ऊभर चुके थे और बीसीसीआई व फैंस भी इस फैसले से 100 प्रतिशत सहमत थे।

इस तरह से कोहली को टेस्ट की ज़िम्मेदारी मिल गई और वो कीर्तिमान पर कीर्तिमान रचते चले गए। फिर बात आई सीमित ओवरों की। सवाल उठने शुरू हुए कि क्या कोहली सीमित ओवरों में भी कप्तानी के लिए तैयार हो चुके हैं? इस पर मंथन और मीडिया ट्रायल का दौर शुरू तो हो ही चुका था। लेकिन धोनी की कप्तानी पर सवाल उठाने वाले ये भूल गए थे कि ये 2008 और 2009 में वो 'वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर' रह चुके थे और 2011 में उनकी कप्तानी में ही वर्ल्ड कप हमारे हिस्से भी आया। मंथन के दौर पर विराम लगा 2017 में इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले धोनी ने कप्तानी (सीमित ओवरों के प्रारूप से) छोड़ने का फैसला किया और विराट कोहली को अपना उत्तराधिकारी बनाने का रास्ता किया। मुख्य चयनकर्ता एम.एस.के. प्रसाद ने तब कहा था कि धोनी 35 साल के हो गए और हम 2019 को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रहे हैं।

फिर शुरू हुआ विराट कोहली का सीमित ओवरों में कप्तानी का दौर। हालांकि, जब धोनी से पूछा गया था कि उन्होंने सीमित ओवर में कप्तानी क्यों छोड़ दी उन्होंने कहा था, "मैंने कप्तानी से इसलिए इस्तीफा दे दिया क्योंकि मैं चाहता था कि नए कप्तान (विराट कोहली) को 2019 के वर्ल्ड कप से पहले एक टीम तैयार करने के लिए पर्याप्त समय मिले।" 2007 में टीम को टी-20 में विश्व कप दिलाने वाले, 2011 में 50 ओवर में विश्व कप दिलाने वाले, 2013 चैंपियन ट्रॉफी में इंग्लैंड को उसी के घर में हराने वाले, भारतीय वनडे और टेस्ट क्रिकेट के अब तक सबसे सफलतम कप्तान धोनी अब लोहा बन चुके हैं और वो उल-जलूल के बयानों पर ध्यान तब भी नहीं देते थे और अब भी नहीं देते। दरअसल, 37 साल के उम्र के इस पड़ाव पर भी वो तपकर किसी भी लोहे का आकार ले सकते हैं चाहे वो वनडे हो या फिर युवाओं का खेल माने जाने वाला टी-20 मैच।

कोहली अग्रेसिव हैं और माही इसके बिल्कुल उलट शांत कहें तो एकदम नॉन-अग्रेसिव। ये जो मिश्रण है वो हमें 2003 वर्ल्ड कप की याद दिलाता है जब टीम में सचिन, सहवाग, राहुल और ज़हीर टीम के कप्तान सौरव गांगुली को हरेक क्षेत्र में बल देते हैं और इत्तेफाख देखिए कि ये वही खिलाड़ी थे जिन्होंने माही के नाम को कप्तानी के लिए आगे किया और 2011 के विश्व कप टीम को बिल्कुल वही मिश्रण दिया और माही ने उसे भुनाते हुए इतिहास रच दिया। ठीक उसी तरह से वही मिश्रण भारतीय क्रिकेट टीम के विरासत को आगे बढ़ाते धोनी विराट कोहली को दे रहे हैं। यहां ये नहीं भूलना चाहिए कि 2015 में दो साल का बैन (2016-17) लगने के बाद जब चेन्नई सुपर किंग्स ने 2018 में वापसी की थी तो धोनी की कप्तानी में उम्रदराज़ों से सजी ये टीम तीसरी पर आईपीएल की चैंपियन बनी थी। कहना का मतलब ये है कि भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तानों में शुमार रहे महेंद्र सिंह धोनी मैदान में विरोधी टीमों को धूल चटाने के लिए अपने दिमाग का 'हथियार' के रूप में भरपूर इस्तेमाल करते हैं और वो किसी भी मामूली पक्षी को चील से लड़ाने का माद्दा रखते हैं क्योंकि ये वो शख्स हैं जो उड़ती चिड़िया को हल्दी लगा आएं, एक बेहतरीन और कमाल का मिश्रण हैं धोनी।

कई पूर्व खिलाड़ी जैसे कुमार संगाकारा, रिकी पोटिंग, शेन वॉर्न, माइकल क्लार्क, एबी डीविलयर्स सरीखे खिलाड़ी भी मानते हैं कि धोनी के होने से कोहली थोड़ा रिलेक्स महसूस करते हैं और धोनी के होने भर से ही टीम में ऊर्जा का संचार बना रहता है। ये कहना गलत नहीं होगा कि कोहली अगर फुर्तीले हैं तो माही चतुर। अगर कोहली कमाल के बल्लेबाज़ हैं तो धोनी मिस्टर फीनिशर। अगर कोहली जोशीले हैं तो माही रणनीतिकार। यानी सौ बात की एक बात ये है कि दशकों में एक ऐसा खिलाड़ी पैदा लेता है और भारत के पास मौजूदा ऐसे दो खिलाड़ी हैं और नाम महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली। यकीन मानिए अगर धोनी का दिमाग और कोहली का बल्ला चला तो इंग्लैंड के बर्मिंघम के मैदान में 23 जून 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान जो नज़ारा देखने को मिला था उसका एक्शन रिप्ले 14 जुलाई 2019 को हमें लॉर्ड्स में देखने को मिल सकता है। यानी हम ये बात ताल ठोक कर कह सकते हैं कि धोनी कोहली के लिए वर्ल्ड कप 2019 में 'विराट' वरदान साबित होंगे।

Hindi Cricket News, सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज़ स्पोर्ट्सकीड़ा पर पाएं

Quick Links

Edited by निशांत द्रविड़
Sportskeeda logo
Close menu
Cricket
Cricket
WWE
WWE
Free Fire
Free Fire
Kabaddi
Kabaddi
Other Sports
Other Sports
bell-icon Manage notifications