वर्ल्ड कप 2019: 2 भारतीय खिलाड़ी जिनकी ऑस्ट्रेलियाई सीरीज के बाद टीम में चयन की संभावना बढ़ी है

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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घर में एकदिवसीय श्रृंखला हारने के बाद, भारतीय चयनकर्ता और भारतीय टीम प्रबंधन विश्व कप के लिए भारतीय टीम के चयन की कवायद में हैं। ऑस्ट्रेलियाई के विरुद्ध सीरीज़ में समाधान से अधिक समस्यायें सामने आयी हैं। अब जबकि विश्व कप कुछ ही दिन दूर है तो ऐसे में भारतीय टीम में दस खिलाड़ियों की जगह तय है जो कि विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, एम.एस. धोनी, केदार जाधव, हार्दिक पांड्या, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और कुलदीप यादव हैं।

उपरोक्त खिलाड़ियों के अलावा, युजवेंद्र चहल का चयन भी लगभग तय है, हालाँकि उनका हालिया प्रदर्शन इतना प्रभावशाली नहीं था। ऑस्ट्रेलियाई सीरीज़ के बाद, अम्बाती रायडू, के.एल. राहुल और ऋषभ पंत ने अपने औसत प्रदर्शन से खुद का विश्व कप की टीम में चयन मुश्किल कर दिया है।

इन खिलाड़ियों के औसत प्रदर्शन के चलते अब दिनेश कार्तिक के टीम में वापसी की उम्मीदें बढ़ गयी है। कार्तिक के साथ अच्छी बात यह है कि वह बल्लेबाजी में अलग अलग क्रम पर खेलते सकते हैं और साथ ही वह एक वैकल्पिक विकेट-कीपर के रूप में टीम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते थे।

भारतीय क्रिकेट में बहुत समय से चलती आ रही नंबर चार के लिए समस्या का निदान अभी तक नही मिला है और अब अजिंक्य रहाणे को वापस लाने की बात होने लगी है। वहीं पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने बल्लेबाज़ी के इस महत्वपूर्ण क्रम के लिए चतेश्वर पुजारा का भी नाम सुझाया है और जब 'दादा' कुछ बोलते या सुझाते हैं, तो यह बहुत मायने रखता है।

वहीं ऑस्ट्रेलियाई वनडे श्रृंखला में टीम इंडिया के लिए हार्दिक पांड्या की गैरमौजूदगी में दो खिलाड़ियों को मौका मिला है और उन्होंने अपने प्रदर्शन से अपने चयन की संभावनाएं भी बढ़ा दी हैं। ये दो खिलाड़ी हैं रविन्द्र जडेजा और विजय शंकर। यहाँ हम एक नज़र डाल रहे हैं इन खिलाड़ियों के चयन की संभावनाओं पर।

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#1 रविंद्र जडेजा

रविन्द्र जडेजा

रविन्द्र जडेजा खुशकिस्मत रहे कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच वनडे मैचों में से चार में खेलने का मौका मिला था। हैदराबाद में पहले एकदिवसीय मैच में, जडेजा के 10-0-33-0 के किफायती स्पेल ने भारत को ऑस्ट्रेलिया को 236 के स्कोर तक सीमित करने में मदद की।

नागपुर में दूसरे मैच में, जब केदार जाधव और एम.एस. धोनी एक के बाद एक आउट हुए, भारत 200 से कम के स्कोर पर संघर्ष कर रहा था तो जडेजा ने 21 रन बनाए और कप्तान कोहली के साथ 67 महत्वपूर्ण रन जोड़े। इसके बाद जडेजा ने अपने 10 ओवर के स्पेल में 48 रन दिए और शॉन मार्श के विकेट के साथ अपना स्पेल समाप्त किया। लेकिन भारत की जीत में उनका प्रमुख योगदान फील्डिंग करते समय पीटर हैंड्सकॉम्ब को सीधे विकेट पर हिट करके रन आउट करने में आया। वह मैच का टर्निंग पॉइंट था।

हालांकि रांची में तीसरे वनडे में जडेजा गेंद के साथ महंगे थे, उन्होंने बल्ले से 24 के स्कोर के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराई। चौथे एकदिवसीय मैच में बाहर होने के बाद, जडेजा ने दिल्ली में 10 ओवर में 45 रन देकर दो विकेट हासिल किए।

इस प्रकार ऑस्ट्रेलियाई श्रृंखला में अपने निरंतर प्रदर्शन के साथ, जडेजा ने टीम में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो हमेशा किसी न किसी रूप में अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं।

# 2 विजय शंकर

विजय शंकर

विजय शंकर ने निश्चित रूप से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला में अपने कद को बढ़ाया है। वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें हार्दिक पांड्या की अनुपस्थिति में लगातार अवसर मिले। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज़ में जिन चार मैचों में उन्होंने बल्लेबाजी की, उनमें शंकर ने 46, 32, 26 और 16 रन बनाए। नागपुर में दूसरे वनडे में उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी आई, जब उन्होंने 41 गेंदों पर 46 रन बनाए। पारी के आखिरी ओवर में गेंदबाजी करते हुए, शंकर ने तीन गेंदों में दो विकेट लेकर भारत को एक रोमांचक जीत दिलाई।

मोहाली में चौथे वनडे में, एक उच्च स्कोरिंग मैच में, विजय शंकर भारत के लिए सबसे किफायती गेंदबाज थे, जहाँ उन्होंने अपने पांच ओवरों में केवल 29 रन दिए। इसके अलावा, जडेजा की तरह, शंकर ने सीमा रेखा पर मैदान पर बहुत चुस्ती और आक्रामकता दिखाई। पहले वनडे में उस्मान ख्वाजा को आउट करने के लिए लिया गया उनका कैच असाधारण था।

विश्व कप से पहले टीम इंडिया के लिए चौथे सीमर के साथ शंकर भरोसेमंद मध्यक्रम के बल्लेबाज़ की दोहरी भूमिका को पूरी तरह से निभा सकते थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई सीरीज़ में अपने प्रदर्शन से अपने चयन की संभावनाओं को बहुत बढ़ाया है।

अब ऐसे में अगर इस लेख के अनुसार उल्लेखित 11 के साथ रविंद्र जडेजा और विजय शंकर दोनों को चुना जाता है, तो इससे 13 खिलाड़ियों के बाद दिनेश कार्तिक 14 वें खिलाड़ी हो सकते है और उसके बाद सिर्फ एक स्थान बचा रहेगा और शायद इसी एक स्थान का जिक्र कप्तान विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया सीरीज में हार के बाद किया था।

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