अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने एमएस धोनी (MS Dhoni) और विराट कोहली (Virat Kohli) के नेतृत्व में काफी क्रिकेट खेला है। क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा करने के कुछ दिनों बाद, हरभजन ने दोनों की लीडरशिप के बीच अंतर को बताया। हरभजन ने कहा कि अगर कोहली धोनी की तरह नरम होते, तो वह इतने रन नहीं बनाते। हरभजन ने याद किया कि कोहली ने उनसे एक बार क्या कहा था। हरभजन का मानना है कि यह कोहली का आक्रामक दृष्टिकोण है जो उन्हें एक खिलाड़ी के रूप में अलग करता है और उन्हें आज उनकी सफलता में इसकी अहम भूमिका रही है।
हरभजन सिंह ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा,
यह वास्तव में पूरी तरह से सही है और टीम को आगे ले जाने के लिए हमें टीम में उनके जैसे खिलाड़ियों की जरूरत है। जब टीम ऑस्ट्रेलिया जाती थी तो यही सोचती थी कि टेस्ट मैच को कैसे बचाया जाए। विराट की कप्तानी में टीम यह सोचकर ऑस्ट्रेलिया जाती है कि वे टेस्ट सीरीज कैसे जीत सकते हैं।
हरभजन ने 2014 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड टेस्ट में कोहली के शतक का उदाहरण दिया, जहां भारतीय कप्तान चाहते थे कि टीम ड्रॉ की बजाय जीत या हार के लिए जाए। कोहली ने हरभजन से कहा था कि वह चाहते हैं कि उनकी टीम विदेशों में जीत हासिल करे और उनके लिए ड्रॉ के लिए खेलना मायने नहीं रखता।
हरभजन ने उस बातचीत को याद करते हुए कहा,
मुझे एक सीरीज याद है, जहां उन्होंने बहुत सारे रन बनाए थे, हालांकि भारत टेस्ट सीरीज हार गया था। भारत को उस मैच में लगभग 400 रनों का पीछा करना था और कोहली ने एक बड़ा शतक बनाया था। इसलिए जब वह वापस लौटे पवेलियन मैंने उससे कहा कि मैच ड्रॉ में समाप्त हो सकता था, लेकिन उसने जवाब दिया कि 'एक ड्रा टेस्ट का कोई महत्व नहीं है, या तो आप जीतें या आप हारें और जिस दिन हम लड़ना सीखेंगे, हम जीतना सीखेंगे और किसी दिन हम ऐसा करेंगे।
हरभजन सिंह ने एमएस धोनी और विराट कोहली के एप्रोच की तुलना की
हरभजन ने भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी और कोहली के बीच तुलना करते हुए कहा कि मौजूदा भारतीय टेस्ट कप्तान ने अपने करियर में उतने रन नहीं बनाये होते अगर धोनी की तरह 'नरम' होते। उन्होंने कहा,
और यही बदलाव आपने इस भारतीय पक्ष में देखा है। वे ऑस्ट्रेलिया गए और उन्हें दो बार हराया, उन्होंने इंग्लैंड में अच्छा खेला और मुझे उम्मीद है कि इस सीरीज में वे दक्षिण अफ्रीका को हराएं। इसलिए कोहली ने लीडर के रूप में अपनी भूमिका बखूबी निभाई है। और आक्रामक रवैये ने विराट कोहली को आज कामयाब खिलाड़ी बना दिया है। अगर वह एमएस धोनी की तरह नरम होते, तो मुझे नहीं लगता कि उन्होंने इतने रन बनाये होते।