युवराज सिंह चोटिल न होते तो तोड़ देते सभी वन-डे और टी-20 रिकॉर्ड: योगराज सिंह

Ankit
Iसजज

पूर्व दिग्गज भारतीय बल्लेबाज युवराज सिंह ने कल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उनकी सफलता में उनके पिता,पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह का बड़ा हाथ था। युवराज सिंह के संन्यास लेने के बाद उनके पिता योगराज सिंह ने उनसे सम्बन्धित कई घटनाओं का जिक्र किया।

युवराज बनने की कहानी

योगराज सिंह ने बताया, युवराज के सन्यास के दिन, मैं बताना चाहता हूं कि युवराज की कहानी कब शुरू हुई थी। वह डेढ़ साल का था जब मैंने उसे पहला क्रिकेट बैट और गेंद दी। मेरी मां गुरनाम कौर ने उन्हें पहली गेंद फेंकी, अभी भी हमारे पास वह तस्वीर है। बड़े होकर, वह स्केट करता और टेनिस खेलता लेकिन मैं उसके स्केट्स और टेनिस रैकेट को तोड़ देता। युवराज 6 साल का था जब मैं उसको सेक्टर-16 स्टेडियम लेकर गया, जहां मैं अभ्यास किया करता था। वहां एक पेस एकेडमी थी, मैंने युवराज को बिना हेलमेट पहने बल्लेबाजी करने के लिए कहा।

युवी को क्रिकेट से नफरत थी

वह रोजाना स्टेडियम में डेढ़ घंटे से ज्यादा दौड़ता था। मेरी मां बिस्तर पर पड़ी थी और उसने मुझसे कहा था कि मैं इतना कठिन अभ्यास कराकर युवराज की जिंदगी बर्बाद कर रहा हूं। वही एक पल था जब मैंने पश्चाताप किया था कि मैं अपने बेटे के प्रति इतना कठोर हूं।' युवी को क्रिकेट से नफरत थी और मैंने उन्हें क्रिकेट से प्यार करवा दिया, जो अब उनका जीवन है। उसको क्रिकेट का नशा हो गया और अब पूरी दुनिया को पता है कि उसने क्या हासिल किया है।

ग्रेग चैपल को माफ नहीं कर सकता

जब ग्रेग चैपल भारतीय टीम के कोच थे उस वक्त अगर युवराज को खो-खो खेलते समय घुटने में चोट न लगी होती तो वह संभवत: वनडे और टी20 के सभी रिकॉर्ड्स तोड़ देता। मैं इसके लिए चैपल को माफ नहीं कर सकता।

जब वह कैंसर से पीड़ित हुए, तो मैंने भगवान से कहा कि यह कहानी इस तरह खत्म नहीं हो सकती। मैं अपने कमरे में अकेला रोता रहता। मैं उसके सामने नहीं रोया। उसने मुझे कहा कि पापा अगर मैं मर भी जाऊं तो मैं चाहूंगा कि आप और पूरा देश विश्व कप ट्रॉफी को मेरे हाथ में देखे।

Hindi Cricket News, सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज स्पोर्टसकीड़ा पर पाएं

Quick Links