भारत के दिग्गज टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) के लिए 17 फरवरी से दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) का दूसरा टेस्ट काफी खास होने वाला है। यह पुजारा के करियर का 100वां टेस्ट मुकाबला होगा और इसको लेकर दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कुछ अहम बातों का जिक्र किया। सौराष्ट्र के बल्लेबाज ने 100वें टेस्ट मैच से पहले अपनी प्रेरणा के बारे में खुलकर बात करते हुए कहा कि उनका जुनून उनका पेशा बन गया है।
साल 2010 में टेस्ट डेब्यू करने वाले चेतेश्वर पुजारा ने 99 मुकाबलों में 44.15 की औसत से 7021 रन बनाये हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 19 शतक और 34 अर्धशतक भी आये हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 206 है। अपने खास टेस्ट में पुजारा एक बड़ी पारी खेलकर इसे यादगार बनाने का प्रयास जरूर करेंगे।
ईएसपीएन क्रिकइन्फो से बात करते हुए पुजारा ने कहा कि उनका जुनून उनका पेशा बन गया है और उन्हें क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए किसी तरह की प्रेरणा की जरूरत नहीं है। दिग्गज बल्लेबाज ने कहा,
यह खेल के लिए प्यार है। मेरा जुनून मेरा पेशा बन गया है। मैंने क्रिकेट खेलने के अलावा कुछ और करने का सपना कभी नहीं देखा था। मुझे अच्छा प्रदर्शन करने के लिए किसी तरह की प्रेरणा की जरूरत नहीं है। यह सिर्फ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बारे में नहीं है। अगर आप क्लब, राज्य, काउंटी, देश किसी भी स्तर के मैचों में मेरे प्रदर्शन को देखो तो कोई भी मेरी प्रतिबद्धता पर सवाल नहीं उठा सकता। मुझे हारने से नफरत है।
100 टेस्ट मैचों के बाद अगले लक्ष्य पर होगा ध्यान - चेतेश्वर पुजारा
35 वर्षीय ने कहा कि उनका पूरा ध्यान टीम के लिए अपना काम करने पर होगा और साथ ही कहा कि 100 टेस्ट मैचों के बाद वह अगले लक्ष्य पर ध्यान देंगे। पुजारा ने कहा,
हां, यह मेरा 100वां टेस्ट मैच होगा, लेकिन आपको अभी भी टीम के लिए काम करना है और आप उस पर थोड़ा और ध्यान केंद्रित करते हैं। यह बल्लेबाजी की तरह ही है कि जब आप शतक तक पहुंचते हैं, तो आप फिर से शुरुआत करते हैं। कभी-कभी आप दोहरा शतक बनाना चाहते हैं। यहां ऐसा नहीं है, आप 200 टेस्ट मैचों तक नहीं पहुंच सकते। लेकिन आप अगले लक्ष्य पर आगे बढ़ते हैं।