ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत दौरे (IND vs AUS) पर आई थी तो उनको सफलता दिलाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी उनके प्रमुख स्पिनर नाथन लायन (Nathan Lyon) पर थी। ऑफ स्पिन गेंदबाज सालों से अपनी टीम के प्रमुख विकेट चटकाने वाले गेंदबाजों में से एक रहे हैं। उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी अपनी जबरदस्त गेंदबाजी का जलवा दिखाया है। इंदौर टेस्ट में भारत के खिलाफ 11 विकेट लेकर नाथन लायन ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और प्लेयर ऑफ़ द मैच भी बने। दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर अपनी गेंदबाजी से खुश नजर आये और उन्होंने यह भी बताया वह अपनी स्टॉक गेंद पर काफी ज्यादा निर्भर करते हैं।
नाथन लायन ने दूसरे दिन जबरदस्त गेंदबाजी की और भारत की दूसरी पारी को बड़े स्कोर तक पहुँचने से रोका। उन्होंने पहले भारतीय ओपनर्स को चलता किया और फिर बारी-बारी अन्य बल्लेबाजों को आउट करते रहे। इस तरह भारतीय पारी सिर्फ 163 के स्कोर पर सिमट गई। उन्होंने 23.3 ओवर में 64 रन देकर आठ विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलिया के पास 88 रनों की बढ़त थी, इसी वजह से उन्हें तीसरे दिन जीत के लिए सिर्फ 76 रन बनाने थे, जो उन्होंने एक विकेट के नुकसान पर आसानी के साथ बना लिए।
मैच प्रेजेंटेशन के दौरान लायन ने कहा,
यह काफी उल्लेखनीय टेस्ट सीरीज रही है। लेकिन यहां आकर टीम का अच्छा प्रदर्शन करना कुछ ऐसा है जिस पर मुझे गर्व है। आज लड़कों को एक विकेट खोकर लक्ष्य प्राप्त करते देखना खास रहा। मेरे पास खेल में सभी ट्रिक्स या सभी ट्रेड नहीं हैं, लेकिन मेरे पास अपनी स्टॉक गेंद पर विश्वास है और वह वर्ल्ड क्रिकेट में सबसे बड़ी बात है, अगर आप अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंद पर विश्वास करते हैं तो आप लंबे समय तक दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को चुनौती दे सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि मैंने इसमें (भारतीय बल्लेबाजों को गेंदबाजी करने में) महारत हासिल की है।
नाथन लायन ने खुद को बताया भाग्यशाली
नाथन लायन ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा समेत कुछ अन्य बेहतरीन बल्लेबाजों के खिलाफ चुनौती देने का मौका मिला। उन्होंने कहा,
मैं भाग्यशाली रहा हूं कि मैं खेल के कुछ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों, विराट, पुजारा और बाकी खिलाड़ियों के खिलाफ चुनौती दे पाया। मुझे खुद को चुनौती देना पसंद है।