भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) के करियर के 100वें टेस्ट को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है और इसको लेकर टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने भी कुछ अहम बातों का जिक्र किया है। द्रविड़ ने बताया कि पुजारा टीम में लोकप्रिय हैं और सभी साथी खिलाड़ी पुजारा के लिए खुश हैं। इसके अलावा उन्होंने दाएं हाथ के बल्लेबाज की की फिटनेस, प्रतिभा और सफलता और विफलताओं को संभालने की क्षमता की तारीफ की और कहा कि सौ टेस्ट पूरा करना उनकी लोंगेविटी को दर्शाता है।
साल 2010 में टेस्ट डेब्यू करने वाले चेतेश्वर पुजारा ने 99 मुकाबलों में 44.15 की औसत से 7021 रन बनाये हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 19 शतक और 34 अर्धशतक भी आये हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 206 है। 17 फरवरी से दिल्ली में होने वाले अपने खास टेस्ट में पुजारा एक बड़ी पारी खेलकर इसे यादगार बनाने का प्रयास जरूर करेंगे। वह भारत के लिए 100 टेस्ट खेल चुके खिलाड़ियों के क्लब में शामिल होने वाले 13वें खिलाड़ी होंगे।
दूसरे टेस्ट से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल द्रविड़ ने पुजारा को लेकर कहा,
100 टेस्ट खेलना किसी भी क्रिकेटर के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होती है। आपको निश्चित रूप से इस तरह के मील के पत्थर को हासिल करने के लिए प्रतिभा की आवश्यकता होती है, लेकिन उपलब्धि हासिल करने के लिए कई और चीजों की आवश्यकता होती है। 100 टेस्ट खेलना आपकी लोंगेविटी को दर्शाता है। आपकी फिटनेस, लचीलापन और सफलता और विफलता को संभालने की क्षमता को भी प्रदर्शित करता है। क्योंकि अगर आपने 100 टेस्ट खेले हैं तो यह संभव नहीं है कि आपने उतार-चढ़ाव नहीं देखे हों। आपको अलग-अलग गेंदबाजी आक्रमण का सामना करना पड़ता है, और मैदान पर और मैदान के बाहर विभिन्न प्रश्न पूछे जाते हैं।
द्रविड़ ने आगे उम्मीद जताई कि पुजारा जैसा प्रदर्शन करते आ रहे हैं, वैसा ही वो इस टेस्ट और भविष्य में भी करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा,
100 टेस्ट खेलने में कम से कम 10 साल लगते हैं। पुजारा ने ऐसा किया। इस मुकाम तक पहुंचने में उन्हें 13-14 साल लग गए। यह उनके कौशल के लिए एक ट्रिब्यूट है, कई अन्य चीजों के लिए एक ट्रिब्यूट है जैसा कि मैंने उल्लेख किया है। और वह टीम में काफी लोकप्रिय खिलाड़ी हैं, इसलिए हर कोई इस बात से काफी खुश है कि पुजारा अपना 100वां टेस्ट खेल रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि पुजारा न केवल इस टेस्ट में बल्कि आने वाले भविष्य में भी वैसा ही प्रदर्शन करेंगे जैसा उन्होंने भारत के लिए किया है। अगर पिछले एक दशक पर नजर डालें तो चेतेश्वर पुजारा ने इस देश के लिए कई अहम पारियां खेली हैं जिससे टीम को कई मैच और सीरीज जीतने में मदद मिली है। वह पिछले 13-14 साल से इस भारतीय टेस्ट टीम में काफी अहम खिलाड़ी रहे हैं।