भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व बल्लेबाज आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) ने रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) को पहले टेस्ट मैच (ENG vs IND) से ड्रॉप करने के फैसले की आलोचना की है। आकाश चोपड़ा ने कहा है कि अश्विन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में रविंद्र जडेजा से बेहतर गेंदबाजी की थी और इसीलिए उन्हें टीम में मौका मिलना चाहिए था।
इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मुकाबले के लिए जब भारतीय टीम का ऐलान हुआ तो उसमें रविचंद्रन अश्विन का नाम नहीं शामिल था। अश्विन की जगह जडेजा को प्लेइंग इलेवन में जगह दी गई और इसको लेकर काफी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। जडेजा ने खेल के पहले दिन ज्यादा गेंदबाजी भी नहीं की।
अपने यू-ट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान आकाश चोपड़ा ने रविचंद्रन अश्विन को टीम से बाहर किए जाने के फैसले को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा,
इशांत शर्मा चोटिल थे तो शार्दुल ठाकुर को टीम में शामिल किया गया। के एल राहुल और रविंद्र जडेजा का भी चयन हुआ लेकिन अश्विन का सेलेक्शन नहीं हुआ जो मेरे हिसाब से गलत फैसला है। भारतीय टीम को अश्विन को जरूर खिलाना चाहिए था। अगर आप ऑस्ट्रेलिया टूर को देखें तो उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। यहां तक कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी उन्होंने जडेजा से बेहतर गेंदबाजी की थी, तो फिर आप उन्हें बाहर कैसे रख सकते हैं। ये टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला है और उन्हें मौका जरूर मिलना चाहिए था। भले ही भारत को उनकी ज्यादा जरूरत ना पड़ती लेकिन उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह मिलनी चाहिए थी।
वहीं दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने आकाश चोपड़ा से उलट अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अश्विन को ड्रॉप करने का फैसला सही है।
मुझे लगता है कि अगर आप अश्विन को खिलाते तो फिर टेलेंडर्स बल्लेबाजों की संख्या ज्यादा हो जाती। आपको पता नहीं है कि इस पिच पर कितनी ज्यादा स्पिन होगी। जडेजा ने चायकाल तक 50 में से सिर्फ 3 ही ओवर गेंदबाजी की। इसलिए आप जितने ओवर्स स्पिन का प्रयोग करना चाहते हैं उतने ओवर जडेजा डाल सकते हैं। हम पहले से ही ये क्यों कह रहे हैं कि जडेजा को एकमात्र स्पिनर के रूप में नहीं शामिल किया जा सकता है।