हैदराबाद में खेले जा रहे मुकाबले में भारत के खिलाफ (IND vs ENG) इंग्लैंड के गेंदबाजों का प्रदर्शन देखकर पूर्व खिलाड़ी केविन पीटरसन (Kevin Pietersen) ने चिंता जाहिर की। दूसरे दिन कमेंट्री के दौरान इंग्लिश गेंदबाजों ने जिस रन रेट से रन खर्च किये, उसका जिक्र करते हुए पीटरसन ने जेम्स एंडरसन (James Anderson) के ना खेलने पर अफ़सोस जताया, जो प्लेइंग XI का हिस्सा नहीं हैं।
केविन पीटरसन की टिप्पणी तब आई जब केएल राहुल और रविंद्र जडेजा ने भारत के पहली पारी में चार विकेट गंवाने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ जवाबी हमला किया। राहुल और जडेजा ने मिलकर सिर्फ 74 गेंदों पर 65 रन जोड़े और भारत को बढ़त भी दिला दी। इस साझेदारी ने इंग्लैंड के स्पिनरों पर जमकर हमला बोला और उन्हें सेटल होने का मौका नहीं दिया।
ऑफिसियल ब्रॉडकास्टर के माध्यम से बोलते हुए, पीटरसन ने तर्क दिया कि इंग्लैंड को जेम्स एंडरसन के अनुभव की आवश्यकता थी, जो पिच के एक छोर से रनों की गति को नियंत्रित कर सकते थे। उन्होंने कहा,
मुझे नहीं लगता कि एंडरसन इस पिच पर ज्यादा रन लुटाते। वह गेंद को रिवर्स स्विंग कराते, विकेट टू विकेट गेंदबाजी करते। वह नियंत्रण के साथ गेंदबाजी कर सकते हैं और जब वह क्रिकेट के मैदान पर आते हैं तो उनका अपना औरा होता है। कठिन परिस्थितियों में गेम पर पकड़ बनाए रखने के लिए आपको कम से कम एक गेंदबाज की जरूरत होती है।
इंग्लैंड ने अतिरिक्त स्पिनर को खिलाने के लिए जेम्स एंडरसन को किया बाहर
इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ पहले मुकाबले में एक साहसी फैसला लिया और अपने गेंदबाजी विभाग में तीन स्पेशलिस्ट स्पिनर शामिल किये, जिसमें टॉम हार्टली अपना पहला टेस्ट खेल रहे हैं। एक अतिरिक्त स्पिनर को खिलाने के कारण इंग्लिश टीम को टेस्ट क्रिकेट के सबसे सफल तेज गेंदबाज को प्लेइंग XI से ड्रॉप करना पड़ा। बेन स्टोक्स ने सिर्फ एक तेज गेंदबाज को ही मौका दिया और वह मार्क वुड हैं, जो अपनी तेज गति की गेंदबाजी के लिये जाने जाते हैं।