इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज (IND vs ENG) में भारत ने बाजी मारी और 4-1 के अंतर से ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। इस सीरीज में भारत की तरफ से कई खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहद सराहनीय रहा, जिसमें स्पिनर कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) भी शामिल हैं। कुलदीप ने इंग्लिश बल्लेबाजों को जमकर छकाया और धर्मशाला टेस्ट में प्लेयर ऑफ द मैच भी बने। सीरीज के पांचवें और अंतिम मुकाबले में बाएं हाथ के गेंदबाज ने दोनों पारी को मिलाकर कुल सात विकेट चटकाए। कुलदीप ने स्वीकार किया कि अन्य सीरीज की तुलना में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी की।
कुलदीप यादव ने धर्मशाला टेस्ट में इंग्लैंड की पहली पारी में जबरदस्त गेंदबाजी की और 72 रन देकर पांच विकेट झटके, जिसकी वजह से मेहमान टीम सिर्फ 218 का ही स्कोर बना पाई। इसके बाद उन्होंने दूसरी पारी में भी दो विकेट निकाले। पहले मैच में बाहर बैठने वाले कुलदीप ने चार मैचों की आठ पारियों में 19 विकेट लिए और सीरीज में भारत के लिए संयुक्त रूप से दूसरे सबसे सफल गेंदबाज रहे।
कुलदीप यादव ने प्लेयर ऑफ द मैच अवार्ड लेने के बाद कहा,
इस सीरीज में मैंने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी की। यह मेरी कड़ी मेहनत है जो मैंने पिछले दो वर्षों में की है और मुझे इसका फल मिल रहा है। मैंने रांची में वास्तव में अच्छी गेंदबाजी की, विकेट धीमा था और जिस तरह से मैंने वहां ड्रिफ्ट का इस्तेमाल किया वह शानदार था। मुझे रांची में स्टोक्स का विकेट पसंद आया और क्रॉली का भी, वह एक खूबसूरत गेंद थी। मैं सिर्फ इसे अच्छी लेंथ पर रखने पर ध्यान देता हूं और एक फॉर्मेट में स्पिनर के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। बल्लेबाज क्या करने की कोशिश कर रहा है, इस बारे में ज्यादा नहीं सोच रहा हूं। मुझे वास्तव में अपनी लय पसंद आई।
29 वर्षीय खिलाड़ी ने इंग्लैंड सीरीज में अपनी बल्लेबाजी क्षमता से भी सभी को बहुत प्रभावित किया। वह कई मौकों पर इंग्लैंड के गेंदबाजों के सामने डटकर खड़े रहे और उपयोगी पारियां खेलते हुए अहम योगदान दिया। कुलदीप ने बल्ले से योगदान में सुधार के लिए बैटिंग कोच विक्रम राठौर को श्रेय दिया। उन्होंने कहा,
सुधार का श्रेय बल्लेबाजी कोच को जाता है, उन्होंने मेरी काफी मदद की। न केवल कौशल पहलू, बल्कि मानसिक पहलू भी। हमेशा नेट सत्र के दौरान मेरा समर्थन करते हैं।