भारत और इंग्लैंड (IND v ENG) के बीच चौथा टेस्ट मुकाबला रांची में खेला जा रहा है, जहाँ पिच में असमान उछाल देख सभी को हैरानी हो रही है। हालाँकि, सभी मानकर चल रहे थे कि भारतीय खेमे ने कुछ इसी तरह की पिच की मांग की होगी लेकिन अब गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे की चौंकाने वाली प्रतिक्रिया सामने आई है। महाम्ब्रे ने कहा कि वह शुरुआती दो दिनों में पिच के असमान उछाल को देखकर हैरान थे और उन्हें सिर्फ विकेट के धीमे होने की उम्मीद थी।
मुकाबले के दूसरे दिन इंग्लैंड की पारी 353 पर सिमटी लेकिन उसके बाद भारतीय बल्लेबाज जूझते नजर आये। यशस्वी जायसवाल ने सबसे ज्यादा 73 रन बनाये लेकिन अन्य में से कोई भी अर्धशतक तक नहीं पहुँच पाया। स्टंप्स तक भारत ने 219/7 का स्कोर बना लिया था और अभी भी मेहमान टीम के स्कोर से 134 रन पीछे है।
दूसरे दिन के खेल के बाद, प्रेस कॉन्फ्रेंस में आये पारस महाम्ब्रे ने स्वीकार किया कि उन्होंने इस वेन्यू में पहले की तरह ही धीमे विकेट के उम्मीद की थी। उन्होंने कहा,
कुछ मैच जो हमने पहले यहाँ देखना हैं, आम तौर पर दिन बीतने पर विकेट धीमा हो जाता है। पहले भी यहाँ जो कुछ मैच खेले गए, उनमें विकेट धीमा हुआ और फिर नीचे रहा। इसलिए हमें इसकी उम्मीद थी। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो हमें उम्मीद नहीं थी कि पिच दूसरे दिन ही इतनी नीची होगी। मुझे लगता है कि पहली पारी में भी कुछ गेंदें नीची रहीं। हमने इसकी उम्मीद नहीं की थी। हमें उम्मीद थी कि यह धीमा हो जाएगा, लेकिन वैरिएबल बाउंस नहीं जो हमने पिछले कुछ दिनों में देखा है।
हालाँकि, गेंदबाजी कोच ने यह मानने से इंकार कर दिया कि उनकी तरफ से इस तरह के विकेट की मांग की गई थी, जो रैंक टर्नर हो। उन्होंने कहा,
मुझे नहीं लगता कि आयोजन स्थल कुछ ऐसा है जिसे हम नियंत्रित कर सकते हैं। यह सीरीज के लिए आवंटित एक स्थान था। यहां जिस तरह का विकेट खेलता है वह भी ऐसा ही है। यह हमेशा रैंक-टर्नर नहीं रहा है। मैं इसे रैंक-टर्नर नहीं कहूंगा क्योंकि वैरिएबल बाउंस था। मुझे नहीं लगता कि ऐसी बहुत अधिक गेंदें थीं जो वास्तव में तेजी घूमीं या खेलने योग्य नहीं थीं। निश्चित रूप से वैरिएबल बाउंस था, निचले हिस्से पर वैरिएबल बाउंस, जिसने बल्लेबाजी को मुश्किल बना दिया।