हैदराबाद टेस्ट (IND vs ENG) के तीन दिन इंग्लैंड की तरफ से जबरदस्त लड़ाई देखने को मिली और उसने मैच को कुछ हद तक लड़ने लायक बना दिया है। वहीं, इंग्लैंड की पारी के दौरान भारत की फील्ड प्लेसमेंट से पूर्व स्पिनर प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) नाखुश नजर आये। ओझा ने यह भी कहा कि मेजबान टीम की शारीरिक भाषा आदर्श नहीं थी और वे पर्याप्त मौके बनाने में सफल नहीं रहे। इंग्लिश टीम ने आखिरी दो सत्र में 200 से ज्यादा रन बनाये।
शनिवार को भारत ने अपनी पहली पारी के आधार पर 190 रनों की बढ़त हासिल की थी, जवाब में इंग्लैंड ने 163 के स्कोर तक पांच विकेट खो दिए थे और लग रह था कि पारी जल्द ही सिमट जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उपकप्तान ओली पोप (148*) ने नाबाद शतक जड़ा और बेन फोक्स (34) के साथ 112 रनों की साझेदारी कर अपनी टीम को बढ़त दिला दी। स्टंप्स के समय तक इंग्लैंड की बढ़त 126 रनों की हो गई थी और उसके चार विकेट अभी भी शेष हैं।
क्रिकबज पर चर्चा के दौरान ओझा ने पोप और फोक्स की साझेदारी के दौरान भारत की फील्ड प्लेसमेंट और शारीरिक भाषा पर सवाल उठाये। उन्होंने कहा,
फील्ड प्लेसमेंट अंदर और बाहर बेहतर हो सकता था। इन सबसे ऊपर, जब साझेदारी बढ़ रही थी, तो कंधे गिरा दिए गए थे। यह पहली बार है जब कोई टीम अपने घर में भारत को चुनौती दे रही है। मुझे नहीं लगता कि इससे पहले किसी ने ऐसा किया है। इसलिए, आपको बेहतर शारीरिक भाषा दिखानी थी। मुझे लगता है कि गर्मी थी और एक कठिन दिन था, लेकिन हर कोई विकेट गिरने या उस स्थिति के गुजरने का इंतजार कर रहा था। टेस्ट क्रिकेट में ऐसा नहीं होता है। आपके सामने ओली पोप का एक उदाहरण था, जिन्होंने वह स्थिति बनाई। आप उनसे प्रेरणा ले सकते थे।
चौथे दिन अगर इंग्लैंड ने अपनी बढ़त को 200 के आसपास पहुंचा दिया, तो भारत के लिये मुश्किल हो सकती है। ऐसे में रोहित शर्मा एंड कंपनी चाहेगी कि इंग्लैंड के शेष विकेट जल्द लिए जाएँ ताकि ज्यादा बड़े लक्ष्य का पीछा ना करना पड़े।