भारतीय टीम (India Cricket Team) को हैदराबाद टेस्ट में इंग्लैंड (England Cricket Team) के हाथों 28 रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने मैच के बाद मेजबान टीम की सबसे बड़ी गलती का खुलासा किया। द्रविड़ ने कहा कि भारतीय टीम पहली पारी में 70 रन पीछे रही।
याद दिला दें कि इंग्लैंड ने हैदराबाद टेस्ट में पहली पारी में 246 रन बनाए थे। जवाब में भारत ने पहली पारी में 436 रन बनाए और पहली पारी के आधार पर 190 रन की बढ़त हासिल की। हालांकि, भारतीय टीम के तीन बल्लेबाजों ने अच्छी शुरुआत हासिल की, लेकिन शतक बनाने से चूक गए।
इंग्लैंड ने ओली पोप (196) की मैराथन पारी के दम पर दूसरी पारी में जोरदार वापसी की और 420 रन बनाए। इस तरह इंग्लैंड ने भारत को जीतने के लिए 230 रन का लक्ष्य दिया। रोहित शर्मा के नेतृत्व वाली भारतीय टीम दूसरी पारी में 202 रन बनाकर ऑलआउट हो गई।
राहुल द्रविड़ ने मैच के बाद कहा, 'चौथा दिन बेहद चुनौतीपूर्ण था। मैं आज के प्रदर्शन पर टीम को जज नहीं करना चाहूंगा। मैं मानता हूं कि हम पहली पारी में संभवत: 70 रन पीछे रहे। ऐसा इसलिए क्योंकि तब बल्लेबाजी के लिए स्थितियां अच्छी थी। हमारे बल्लेबाजों ने अच्छी शुरुआत हासिल की, लेकिन इसको बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर सके।'
उन्होंने आगे कहा, 'हमारे बल्लेबाज शतक नहीं जमा सके। हमारे पास ऐसे बल्लेबाज नहीं थे, जो बड़ा शतक जमाए। मेरा बस इतना मानना है कि हमने पहली पारी में 70-80 रन कम बनाए। दूसरी पारी की बढ़त हमेशा चुनौतीपूर्ण रहती है। यह मुश्किल था। इस लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल था।'
राहुल द्रविड़ ने कहा कि ओली पोप की 196 रन की पारी ने मैच में फर्क पैदा किया। भारतीय कोच ने कहा, 'चौथी पारी में इस पिच पर 230 रन का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल था। भारत में यह हमेशा चुनौतीपूर्ण रहता है। चौथे दिन 230 रन बनाना, वो भी उस पिच पर, जहां स्पिन हो रही है। हम संभवत: 230 रन का पीछा नहीं कर पाते। अगर हमें इस लक्ष्य को हासिल करना था, तो किसी एक बल्लेबाज को अविश्वसनीय पारी खेलनी होती।'
द्रविड़ ने आगे कहा, 'मेरे लिए मैच में सबसे बड़ा फर्क ओली पोप की पारी रही। पोप ने शानदार पारी खेली। उन्होंने कई जोखिम भरे शॉट खेले और बड़ी अच्छी तरह खेला। इस पिच पर 196 रन की पारी खेलना, जहां अन्य बल्लेबाज अर्धशतक बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। मेरे ख्याल से यही मैच में सबसे बड़ा फर्क था।'