क्रिकेट की दुनिया में अक्सर कप्तानों और खिलाड़ियों की तुलना होती रहती है और यह चलता ही रहता है। विराट कोहली (Virat kohli) इस समय इंग्लैंड दौरे (IND vs ENG) पर भारतीय टीम (Indian Team) के कप्तान हैं और उनकी तुलना पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) से करने को लेकर अजित अगरकर का बयान आया है। अगरकर का मानना है कि दोनों अच्छे कप्तान हैं और इनकी तुलना भी नहीं होनी चाहिए। दोनों के तरीके और जनरेशन भी अलग रहे हैं, ऐसे में तुलना का कोई सवाल नहीं बनता है। अगरकर ने तुलना करना सही नहीं माना।
अजित अगरकर ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत में कहा कि सौरव आक्रामक थे। वह सबसे मुखर लोगों में से एक थे जिन्हें मैंने देखा है।
अगरकर से जब कोहली और गांगुली की स्टाइल के बारे में तुलना करने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि सौरव की अपनी शैली थी और कोहली तथा धोनी की अपनी अलग-अलग स्टाइल रही है। गेम में जिस चीज से भी आपको मदद मिले, वही करो। खिलाड़ी के रूप में या कप्तान के रूप में चाहे आप आक्रामक हों या मुखर हो, टीम के लाभ को देखते हुए चीजें करनी चाहिए। सौरव ऐसा करते थे और शायद विराट कोहली भी ऐसा करते हैं।
पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने कहा कि दोनों कप्तानों के बीच तुलना क्यों करनी है। ये अलग-अलग जमाने के कप्तान हैं। दोनों बेहतरीन कप्तान हैं और भारत के लिए शानदार काम किया है। दोनों ही अच्छे खिलाड़ी भी हैं। ऐसे में तुलना करने का कोई मतलब नहीं है।
गौरतलब है कि भारतीय टीम के आक्रामक कप्तानों की बात आती है, तो सौरव गांगुली का नाम उनमें निश्चित रुप से आता है और सबसे ऊपर आता है। दादा ने टीम को आक्रामक होना सिखाया था। कोहली भी कुछ वही अप्रोच रखते हैं लेकिन महेंद्र सिंह धोनी का रवैया एकदम अलग था। धोनी शांत स्वभाव के साथ मैदान पर रहते थे और खिलाड़ियों के साथ भी कूल रहते थे। यही कारण है कि धोनी को कैप्टन कूल कहा जाता था। राहुल द्रविड़ भी शांत स्वभाव के कप्तान थे।