इंग्लैंड क्रिकेट टीम (England Cricket team) ने हेडिंग्ले में खेले गए तीसरे टेस्ट में भारत (India Cricket team) को एक पारी और 76 रन से मात दी। इसी के साथ इंग्लैंड ने पांच मैचों की सीरीज में 1-1 की बराबरी की। इंग्लैंड के कोच क्रिस सिल्वरवुड (Chris Silverwood) ने जीत पर खुशी जताते हुए बताया कि लॉर्ड्स की हार से उनकी टीम ने सबक लिया और हेडिंग्ले में जोरदार वापसी की।
सिल्वरवुड ने बताया कि लॉर्ड्स से सबक लेकर इंग्लैंड ने कुछ बदलाव किए और हेडिंग्ले में इसका पालन किया। सिल्वरवुड के मुताबिक लॉर्ड्स टेस्ट से सबसे बड़ी चीज इंग्लैंड खेमे ने यह सीखी कि आक्रमकता नियंत्रित तरीके से लाना है।
इंग्लैंड की टीम तो लॉर्ड्स टेस्ट में भी एक समय जीत के करीब थी, लेकिन भारतीय टीम के पुछल्ले बल्लेबाजों ने दमदार पारियां खेली। फिर भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लैंड को बहुत जल्दी ऑलआउट कर दिया।
इंग्लैंड ने फिर जोरदार वापसी की और हेडिंग्ले में एक पारी और 76 रन से मैच जीता। यह पूछने पर कि लॉर्ड्स में करारी शिकस्त के बाद टीम ने कैसे अचानक सफलता प्राप्त की तो हेड कोच ने खुलासा किया कि कप्तान जो रूट व टीम ने सबक से सीखा है।
एक कप्तान के तौर पर रूट ने शानदार काम किया: सिल्वरवुड
क्रिस सिल्वरवुड के हवाले से ईएसपीएनक्रिकइंफो ने कहा, 'रूट ने लॉर्ड्स टेस्ट पर ध्यान दिया और कुछ फैसले लिए। उन्होंने अपनी गलतियों से सबक लिया और एक कप्तान के लिए यह अच्छी बात है कि पीछे मुड़कर देखो और फर्क पैदा करो। रूट ने इस मैच में जरूर फर्क पैदा किया।'
इंग्लिश कोच ने आगे कहा, 'जो रूट और मैंने लॉर्ड्स टेस्ट पर ध्यान दिया और कहा कि हम क्या सीख सकते हैं और हम कितने बेहतर बन सकते हैं। मेरे ख्याल से नियंत्रित आक्रमकता की जरूरत थी। इंग्लिश गेंदबाजों ने सही क्षेत्र में गेंदबाजी की। उन्होंने भारतीय पुछल्ले बल्लेबाजों को बैकफुट पर रखा और उन्हें हर समय फैसले लेने के लिए बाध्य किया। मेरे ख्याल से आप बहुत नियंत्रित तरीके से आक्रामक हो सकते हैं और मुझे लगता है कि खिलाड़ियों ने इसका सही उपयोग किया।'
जो रूट हेडिंग्ले में जीत के साथ ही इंग्लैंड के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बने। यह उनके नेतृत्व में इंग्लैंड की 27वीं टेस्ट जीत रही। उन्होंने माइकल वॉन को पीछे छोड़ा। अब रूट की कोशिश 2 सितंबर को शुरू होने वाले चौथे टेस्ट को जीतकर सीरीज में बढ़त बनाने की होगी।