पूर्व भारतीय खिलाड़ी और बल्लेबाजी कोच रह चुके संजय बांगर (Sanjay Bangar) का मानना है कि प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) कभी-कभी आउटस्विंग के लिए कुछ ज्यादा ही प्रयास करते हैं। इसका प्रभाव उनकी कार्यक्षमता पर पड़ता है। बांगर के मुताबिक, बुमराह की खासियत इनस्विंगर है और उन्हें मुख्य रूप से अपनी स्टॉक गेंद पर ही ध्यान देना चाहिए।
भारतीय टीम को 1 जुलाई से पिछले दौरे का पुनर्निर्धारित पांचवां टेस्ट मैच खेलना है और इस मुकाबले में बुमराह पेस अटैक को लीड करते नजर आएंगे, जिसमें मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर जैसे नाम शामिल हैं।
बर्मिंघम टेस्ट में प्रभावशाली होने के लिए जसप्रीत बुमराह को लेकर स्टार स्पोर्ट्स के शो 'गेम प्लान' में संजर बांगर ने कहा,
उनके लिए एक चुनौती यह है कि कभी-कभी वह आउटस्विंगर गेंदबाजी करने के लिए बहुत अधिक प्रयास करते हैं। हालांकि, वह एक स्पेशलिस्ट इनस्विंग गेंदबाज हैं। उन्हें अपनी स्टॉक डिलीवरी को नहीं भूलना चाहिए। उसे आउटस्विंगर को अपनी विविधताओं की तरह उपयोग करने की आवश्यकता है। इसलिए उसे अपनी स्टॉक बॉल पर और फुल लेंथ की बॉलिंग पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
पिछले इंग्लैंड दौरे पर बुमराह के सफल होने की संजय बांगर ने बताई बड़ी वजह
पिछले साल इंग्लैंड दौरे पर जसप्रीत बुमराह ने अच्छी शुरुआत नहीं की थी। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में उनकी गेंदबाजी की काफी आलोचना हुई थी। हालाँकि, तेज गेंदबाज ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में जबरदस्त गेंदबाजी की और चार मैचों में 18 विकेट के साथ भारत के सबसे सफल गेंदबाज साबित हुए।
डब्ल्यूटीसी फाइनल और इंग्लैंड टेस्ट के बीच बुमराह ने अपनी गेंदबाजी में क्या बदलाव किया, उसको समझाते हुए बांगर ने कहा,
इंग्लैंड में चार टेस्ट से पहले बुमराह वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी खेले थे। इस टेस्ट मैच में, जो मूल रूप से पिछले साल इंग्लैंड के दौरे का पहला मैच था, साउथैम्पटन में उनकी लेंथ काफी पीछे थी। इस वजह से उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। उसके बाद, हमने एक बदलाव देखा जिसमें उन्होंने अपनी लेंथ को आगे बढ़ाया और सफलता प्राप्त करना शुरू कर दिया। उन्होंने अच्छी तरीके से सीरीज का अंत किया।