भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने कहा कि रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) और वर्ल्ड कप विजेता कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) का एक ही श्रेणी में नाम लिया जाना चाहिए। कार्तिक के मुताबिक ये दोनों भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर और दोनों ही बराबर के सम्मान के हक़दार हैं।
कार्तिक की यह टिप्पणी कानपुर टेस्ट के चौथे दिन का खेल समाप्त होने के बाद आयी। अश्विन ने चौथे दिन अहम समय में 32 रन की पारी खेली। इसके बाद गेंदबाजी करते हुए न्यूजीलैंड के ओपनर विल यंग को अपना शिकार बनाया और इस विकेट के साथ ही उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने के मामले में हरभजन सिंह की बराबरी कर ली। दोनों ही दिग्गजों के 417 टेस्ट विकेट हैं।
'क्रिकबज चैटर' शो पर कार्तिक ने कहा कि उन्होंने कपिल देव को खेलते हुए ज्यादा नहीं देखा है। लेकिन उन्होंने टिप्पणी की कि कपिल देव और रविचंद्रन अश्विन दोनों देश के लिए श्रेष्ठ मैच विजेता हैं। उन्होंने कहा,
जाहिर है, मुझे नहीं लगता कि मैं उन दोनों को जज करने की स्थिति में हूं, लेकिन मुझे यह स्वीकार करना होगा कि जब भारतीय क्रिकेट की बात आती है तो दोनों का नाम एक ही सांस में बोलना चाहिए क्योंकि ये दोनों मैच विजेता रहे हैं। श्रेष्ठ रहे हैं, और निश्चित रूप से लंबे, लंबे समय तक दो सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर रहे हैं।
अश्विन के साथ खेलने और करीब से देखने वाले कार्तिक का कहना है कि अश्विन को भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में से एक माना जाना चाहिए। इस संबंध में कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व कप्तान ने कहा,
आपको उसे वहां (भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में) रखना होगा, जितने मैन ऑफ द सीरीज उसने जीते हैं, जाहिर तौर पर उसे जितनी प्रशंसा मिली है।
80 टेस्ट में 417 विकेट हासिल करना एक अविश्वसनीय रिकॉर्ड है और तथ्य यह है कि उन्होंने बल्ले से भी योगदान दिया है और पांच शतक बनाए हैं, जो टेस्ट मैचों में लंबे समय तक खेलने वाले बल्लेबाजों की तुलना में बहुत अधिक है। ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने 30-35 टेस्ट खेले हैं, और अभी भी पांच शतक नहीं बना पाए हैं।
टेस्ट क्रिकेट में भारत के टॉप विकेट लेने वालों की सूची में अश्विन अब केवल अनिल कुंबले (619) और कपिल देव (434) से पीछे हैं। अपने 131 टेस्ट के शानदार करियर में, देव ने 31.05 की औसत से 5248 रन बनाए, जिसमें आठ शतक शामिल हैं। जबकि अश्विन 80 टेस्ट में 2755 रन के साथ ज्यादा पीछे नहीं हैं।