भारतीय टीम के लिए कानपुर टेस्ट (IND vs NZ) में पारी की शुरुआत करने वाले युवा शुभमन गिल (Shubhman Gill) दोनों ही पारियों में लगभग एक जैसे तरीके से बोल्ड आउट हुए। उन्हें दोनों बार काइल जेमिसन ने अपना शिकार बनाया। गिल पिछले कुछ समय से इसी अंदाज में आउट हो रहे हैं और इसी वजह से कई पूर्व खिलाड़ियों ने उनकी तकनीक पर भी सवाल उठाये हैं। इसी क्रम में पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफ़ान पठान का नाम भी जुड़ गया है पठान के मुताबिक अगर गिल को सफल टेस्ट ओपनर बनना है तो फिर अपनी तकनीकी खामियों को दूर करना होगा।
कानपुर टेस्ट की पहली पारी में गिल ने 52 रन बनाये थे लेकिन वह जेमिसन की अंदर आती गेंद पर बोल्ड हो गए थे। कुछ इसी तरह वह 1 रन के निजी स्कोर पर दूसरी पारी में भी आउट हुए और उनकी अंदर आती गेंदों के खिलाफ कमजोरी उजागर हो गयी।
स्टार स्पोर्ट्स पर दूसरी पारी में शुभमन गिल के आउट होने के तरीके पर चर्चा करते हुए इरफ़ान पठान ने कहा,
यह बिल्कुल भी आसान नहीं है। रौशनी में जब गेंद मूव करती है और आपको पता है कि नॉट आउट जाना है। ओपनिंग करने वाले बल्लेबाज आमतौर पर वापस नॉट आउट जाने के दबाव के कारण आउट हो जाते हैं। लेकिन शुभमन गिल को अपनी तकनीक पर जरूर काम करना होगा।
बाएं हाथ के ऑलराउंडर ने शुभमन गिल की तकनीम में क्या कमी है, इसके बारे में बताते हुए कहा,
उनके हाथ राउंड आकार में आते हैं, खासकर पिच-अप डिलीवरी के खिलाफ। अगर वह उस पर काम करता है, तो उसके पास काफी क्षमता है। यहां उनके दोनों पैर एक ही जगह पर रहे और जब तक बल्ला नीचे आया तब तक काफी देर हो चुकी थी।
शुभमन गिल को अपने पैरों की मूवमेंट को बेहतर करना होगा - आकाश चोपड़ा
आकाश चोपड़ा ने भी पठान से सहमति जताई कि शुभमन गिल की फुटवर्क की कमी उनकी कमजोरी है। उन्होंने समझाते हुए कहा,
उसके पैरों की मूवमेंट को थोड़ा बेहतर करने की जरूरत है, आप बल्ले और पैड के बीच इतना बड़ा गैप छोड़ रहे हैं। यह गेंद फ्रंट फुट से खेली जानी थी और इस पिच पर आप वैसे भी क्रीज पर खड़े होकर नहीं खेलते क्योंकि गेंद नीचे की ओर रहती है।
आकाश चोपड़ा ने माना कि हो सकता है गिल को थकान हो गयी हो लेकिन इससे उनकी तकनीक में कमी से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा,
ऐसे में, यदि आप पिच-अप डिलीवरी के खिलाफ खड़े रह जाते हैं, न तो आपका पिछला पैर और न ही आपका अगला पैर हिल रहा है, यह संभव है कि 150 ओवर तक मैदान में थे, लेकिन वहां एक समस्या है। गेंद बल्ले के अंदर के किनारे से कई बार टकराती है और बल्ले और पैड में बड़ा गैप रह जाता है।