"पुजारा और रहाणे ने घर पर ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भारत के लिए रन बनाए हैं"

पुजारा और रहाणे का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा है
पुजारा और रहाणे का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा है

भारतीय टेस्ट टीम का प्रदर्शन पिछले कुछ समय में काफी सराहनीय रहा है लेकिन टीम के दो अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) और अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) का प्रदर्शन काफी साधारण रहा है। लगातार साधारण प्रदर्शन के कारण टीम में उनकी जगह पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं और कई दिग्गजों ने युवाओं को मौका देने की बात कही। न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट (IND vs NZ) में भी इन दोनों बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। हालांकि इन दोनों बल्लेबाजों को बाहर किये जाने की बात से पूर्व भारतीय स्पिनर प्रज्ञान ओझा सहमत नहीं है। ओझा ने आगामी दक्षिण अफ्रीका दौरे के मद्देनजर इन दोनों को अहम बताया।

बात की जाए इन दोनों बल्लेबाजों के इस साल टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन की तो पुजारा के नाम 22 पारियों में 30.43 की औसत से 639 रन हैं और उन्होंने लगभग पिछले तीन सालों में महज एक शतक बनाया है। वहीं अजिंक्य रहाणे के आंकड़े भी इस साल काफी साधारण हैं। रहाणे ने 21 पारियों में 19.57 की साधारण औसत से 411 रन बनाए हैं। कानपुर टेस्ट में ये दोनों फ्लॉप साबित हुए तथा डेब्यू करने वाले श्रेयस अय्यर ने दोनों पारियों में शानदार बल्लेबाजी कर भारत को अच्छी स्थिति में पहुंचाया।।

क्रिकबज पर चर्चा करते हुए प्रज्ञान ओझा ने इन दोनों खिलाड़ियों का समर्थन किया। उन्होंने सुझाव दिया कि अगले महीने दक्षिण अफ्रीका दौरे को ध्यान में रखते हुए इनका समर्थन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा,

पुजारा और रहाणे ने न केवल घरेलू परिस्थितियों में बल्कि भारत के लिए विदेशी परिस्थितियों में भी रन बनाए हैं। भारत का अगला दौरा दक्षिण अफ्रीका का है और उन्हें अनुभव की जरूरत होगी। भारतीय टीम के लिए चुनौती को समझना आसान है। यह कहने के बाद, भारतीय प्रबंधन के लिए निर्णय काफी चुनौतीपूर्ण है।

भारत को ट्रांजीशन फेज को सावधानी से संभालने की जरूरत होगी - प्रज्ञान ओझा

चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे कई सालों तक भारतीय टेस्ट बल्लेबाजी की अहम कड़ी रहे हैं लेकिन उनके पिछले कुछ समय के प्रदर्शन को देखते हुए फैंस ने इन खिलाड़ियों के समय को खत्म मान रहे हैं। कई बार मुश्किलों में ये बल्लेबाज फ्लॉप साबित हुए हैं और श्रेयस अय्यर के शानदार प्रदर्शन ने जरूर इनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

ओझा ने जल्द ही अच्छे प्रदर्शन के लिए दोनों दिग्गजों का समर्थन किया है। वह चाहते हैं कि दक्षिण अफ्रीका के दौरे से पहले अच्छा करते हुए वे टीम का अभिन्न हिस्सा बनें। ओझा ने कहा,

पुजारा ने हाल ही में इंग्लैंड में जिस तरह से बल्लेबाजी की थी, उसे देखें और यह भी पूछें कि रहाणे को इतना मौका क्यों मिल रहा है? ऐसा इसलिए है क्योंकि उसने विदेशी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन किया है।

ओझा नए चेहरों को मौका देने में सहमत हैं। लेकिन पूर्व स्पिनर का मानना था कि खिलाड़ियों का ट्रांजीशन अच्छे से करना होगा। उन्होंने आगे कहा,

जब आप दक्षिण अफ्रीका जाते हैं तो आपको इन अनुभवी बल्लेबाजों पर भरोसा करने की जरूरत होती है। आप नए दिखने वाले मध्यक्रम के साथ नहीं जा सकते। श्रेयस अय्यर के रूप में भारत एक युवा खिलाड़ी को खिला सकता है लेकिन उनके पास टीम में युवा और अनुभव का अच्छा मिश्रण होना चाहिए। वे ऐसी स्थिति में नहीं रहना चाहते जहां उन्हें युवा मध्यक्रम पर निर्भर रहना पड़े। ट्रांजीशन चरण को सावधानी से संभालने की आवश्यकता होगी।

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Edited by Prashant Kumar
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