बाएं हाथ के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अंतिम टेस्ट (IND vs SA) के लिए चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) और अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) की खराब फॉर्म वाली जोड़ी को बाहर करने का कोई मतलब नहीं बनता है। नेहरा के मुताबिक, बेहतर होगा कि दोनों को पूरी टेस्ट सीरीज खेलने का मौका दिया जाए और फिर जरूरत पड़ने पर उन पर फैसला किया जाए।
जोहान्सबर्ग टेस्ट की पहली पारी में दोनों ही बल्लेबाज बहुत जल्द पवेलियन लौट गए थे। इस पर भारतीय दिग्गज सुनील गावस्कर ने कहा था कि दोनों के पास 'अपने टेस्ट करियर को बचाने के लिए शायद सिर्फ अगली पारी बची हुई है।
हालांकि नेहरा ने असहमति जताई और उन्होंने कहा कि टेस्ट कप्तान विराट कोहली की फॉर्म भी रहाणे और पुजारा के समान है लेकिन उन पर कोई सवाल नहीं उठा रहा है। रहाणे और पुजारा को लेकर नेहरा ने कहा:
विराट कोहली के भी आंकड़े समान हैं, लेकिन लोग टीम में उनकी जगह पर सवाल नहीं उठा रहे हैं। जाहिर है, वह कप्तान हैं और कोहली ने जो टीम के लिए किया है वह इन दो बल्लेबाजों की तुलना में अलग स्तर पर हैं। तुलना करना सही नहीं होता है, लेकिन रहाणे और पुजारा भी किसी से पीछे नहीं रहे।
आशीष नेहरा ने दोनों अनुभवी बल्लेबाजों को पूरी सीरीज खिलाने की बात कही
आशीष नेहरा ने इस बात पर जोर दिया कि एक या दो टेस्ट में ज्यादा कुछ नहीं बदल सकता है। उन्होंने कहा कि इसलिए दक्षिण अफ्रीका सीरीज के अंत तक रहाणे और पुजारा की अनुभवी जोड़ी के साथ खेलना बेहतर रहेगा। नेहरा ने विस्तार से बताया,
यदि आपने पहले टेस्ट के लिए रहाणे जैसे खिलाड़ी को सपोर्ट किया है, तो बेहतर रहेगा कि बाकी सीरीज के लिए भी आप उन्हें सपोर्ट करें। जाहिर है, रहाणे वह थे जो न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में (आधिकारिक तौर पर चोट के कारण) बाहर हुए थे, जब कोहली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में वापसी की थी, लेकिन उन्होंने पहले टेस्ट में टीम की कप्तानी की थी।
इस पूर्व क्रिकेटर ने अपनी बात को पूरी करते हुए कहा,
मैं इस बात से सहमत हूँ कि पुजारा और रहाणे दोनों हाल ही में खराब फॉर्म में हैं, लेकिन अहम सीरीज के बीच में खिलाड़ियों को बदलना एक बड़ा फैसला है। यदि आपने रहाणे को श्रेयस अय्यर और हनुमा विहारी से ज्यादा प्राथमिकता दी है, तो मुझे लगता है कि उन्हें पूरी सीरीज में खेलने देना चाहिए। एक या दो टेस्ट में ज्यादा कुछ नहीं बदल सकता। उनकी बल्लेबाजी पिछले कुछ समय से एक मुद्दा रही है, तो क्यों न उन्हें कुछ और मैच में खेलने दिए जाएं? जब आप जीत रहे होते हैं, तो आप खिलाड़ियों को मौके दे सकते है। इन दोनों पर फैसला सीरीज के बाद लिया जा सकता है।