भारत ने सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका को हराते हुए पहले टेस्ट (IND vs SA) में जीत हासिल करते सीरीज में बढ़त बना ली है। हालांकि भारत ने जिस अंदाज में एक आसान जीत दर्ज की, उसकी उम्मीद शायद ही कुछ लोगों को होगी। कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज डैरिल कलिनन ने भी दी है। कलिनन के मुताबिक भारतीय टीम को भी यह उम्मीद नहीं होगी कि उन्हें इतनी आसानी से जीत हासिल हो जाएगी।
सेंचुरियन टेस्ट के अंतिम दिन दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों ने महज 97 रन बनाये और पूरी टीम 191 के स्कोर पर लंच के बाद ढेर हो गयी। इस तरह भारत ने 113 रन से जीत दर्ज करते हुए सेंचुरियन में अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज की।
ईएसपीएन क्रिकइंफोर पर मैच का रिव्यु करते हुए कलिनन ने भारत को जीत का हक़दार बताया। साथ ही उन्होंने संकेत दिए कि भारत शायद अगले मैच में शार्दुल ठाकुर के स्थान पर किसी स्पेशलिस्ट गेंदबाज के साथ मैदान पर उतर सकता है। उन्होंने कहा,
मुझे नहीं लगता कि भारत को इतनी आसान जीत की उम्मीद थी। हम जानते हैं कि भारत अभी भी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर नहीं है। क्योंकि टीम की बल्लेबाजी में अभी सुधर की जरूरत है। हालांकि, मैं शार्दुल ठाकुर को लेकर आश्वस्त नहीं हूं। मुझे नहीं लगता कि वह वास्तव में बल्ले से अंतर पैदा कर रहे हैं इसलिए वे एक स्पेशलिस्ट गेंदबाज के साथ जा सकते हैं। भारत ने अच्छा किया, वे अपनी जीत के हकदार थे।
भारत की पहली पारी निर्णायक साबित हुयी - डैरिल कलिनन
भारत ने अपनी पहली पारी में पहले दिन काफी अच्छी बल्लेबाजी की थी और उसी की मदद से टीम इंडिया ने पहली पारी में 327 का स्कोर बनाया था, जो बाद में निर्णायक साबित हुआ। कलिनन ने भारत की पहली पारी को निर्णायक बताते हुए कहा,
मुझे लगता है कि सबसे निर्णायक हिस्सा भारत की पहली पारी थी। दक्षिण अफ्रीका में पहली पारी काफी अहम है। पहले दो घंटों ने भारत को काफी आत्मविश्वास दिया। रबाडा और एनगिडी शुरू में बेहतर नहीं थे। गति और उछाल की सभी उम्मीदों के साथ, भारत उस सत्र को अच्छे से खेला और बाद में 300 रन बनाये।
गौरतलब है कि मैच के पहले दिन केएल राहुल ने शानदार शतक जमाया था, वहीं मयंक अग्रवाल ने भी 60 रन की पारी खेली थी। हालांकि तीसरे दिन भारतीय टीम 272 के स्कोर से शेष सात विकेट खोकर 327 का स्कोर ही बना पाई थी।
कलिनन का यह भी मानना है कि भारत को कोविड प्रोटोकाल्स का भी फायदा मिला, जिसकी वजह से वे दक्षिण अफ्रीका में काफी पहले आ गए थे और उन्हें यहां की परिस्थितयों में खुद को ढालने में मुश्किल नहीं हुयी। भारतीय टीम 16 दिसंबर को ही रवाना हो गयी थी और दौरे की शुरुआत के 10 दिन पहले ही दक्षिण अफ्रीका पहुंच गई थी।