दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट (IND vs SA) में चौथी पारी के दौरान भारतीय टीम ने काफी साधारण गेंदबाजी की और मेजबान टीम ने फायदा उठाया। भारत की साधारण गेंदबाजी को लेकर कई पूर्व खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया आई और इसी कड़ी में पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का नाम भी जुड़ गया है। गंभीर के मुताबिक मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) का पूरी तरह से फिट ना होना, भारत की साधारण की गेंदबाजी के पीछे एक प्रमुख कारण रहा।
मोहम्मद सिराज को जोहांसबर्ग टेस्ट के पहली दिन हैमस्ट्रिंग के कारण मैदान छोड़ना पड़ा था और इसके बाद वह दूसरी में गेंदबाजी करते हुए नजर आये लेकिन उनकी गति काफी कम थी। सिराज ने पूरे मैच में लगभग 16 ओवर की गेंदबाजी की लेकिन प्रभाव छोड़ने में असफल रहे।
स्टार स्पोर्ट्स पर चर्चा के दौरान, गौतम गंभीर से जोहांसबर्ग टेस्ट के चौथे दिन भारतीय गेंदबाजों की 122 रनों को डिफेंड करने में असफल होने के बारे में पूछा गया। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा,
इसमें कोई शक नहीं कि भारत ने इस टेस्ट मैच में मोहम्मद सिराज को मिस किया। चौथे तेज गेंदबाज की कमी जरूर महसूस हुई। अगर सिराज पूरी तरह फिट होते तो आप अपने दो मुख्य गेंदबाजों को और बेहतर तरीके से रोटेट कर सकते थे।
भारत के पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि रविचंद्रन अश्विन भी गीली गेंद से प्रभावशाली नहीं साबित हुए। गौतम गंभीर ने कहा,
आपको पता था कि एक बार गेंद गीली हो जाएगी तो अश्विन को ज्यादा मदद नहीं मिलेगी। तो आप सचमुच तीन गेंदबाजों के साथ खेल रहे थे। जब आप तीन गेंदबाजों से आठ विकेट लेने की उम्मीद करते हैं, तो यह हमेशा मुश्किल होता है क्योंकि आप किसी भी गेंदबाज का खराब दिन बर्दाश्त नहीं कर सकते।
गौतम ने बताया कि क्यों भारतीय गेंदबाज विपक्षी गेंदबाजों की तुलना में कम असरदार साबित हुए
गौतम गंभीर से यह भी पूछा गया कि भारतीय तेज गेंदबाजों ने काफी छोटी गेंदे की और कई मौकों पर विकेट के पीछे पांच रन दिए। उन्होंने जवाब में कहा,
आप चाहते हैं कि आपके गेंदबाज शॉर्ट गेंद से बल्लेबाजों को टेस्ट करें। लेकिन जब दक्षिण अफ्रीका गेंदबाजी कर रहा था, तो उनके गेंदबाजों का कद लम्बा था, इसलिए जब उन्हें शॉर्ट गेंद फेंकनी होती थी, तो उन्हें विकेट पर इतना जोर नहीं लगाना पड़ता था।
पूर्व ओपनर ने अंत में कहा कि मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजों की तरह उछाल वाली पिचों पर गेंदबाजी करने के आदी नहीं हैं। गंभीर ने अपनी बात को समझाते हुए कहा,
यह शमी और बुमराह की नेचुरल डिलीवरी नहीं है। उनकी स्वाभाविक डिलीवरी गेंद को ऊपर करना है। अगर आप रबाडा या मार्को जानसेन को देखें तो उनकी गेंदबाजी बैक ऑफ़ द लेंथ रही। यह भी दोनों टीमों की गेंदबाजी में बहुत बड़ा अंतर था।