विराट कोहली (Virat Kohli) के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा का मानना है कि जब मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) खिलाड़ी के तौर खेलते थे, तो भारतीय टीम फील्ड पर डिफेंसिव माइंडसेट के साथ उतरती थी। जबकि मौजूदा टेस्ट कप्तान विराट का एप्रोच विदेशों में जीतने का है।
यूट्यूब चैनल खेलनीति पर राजकुमार शर्मा ने कहा कि कोहली विदेशों में पांच स्पेशलिस्ट गेंदबाजों के साथ उतरते हैं, ताकि जीतने का मौका रहे।
उन्होंने यह भी कहा कि किस तरह विराट कोहली पांचवें गेंदबाज को खिलाने के लिए खुद अधिक जिम्मेदारी से बल्लेबाजी करते हैं।
राजकुमार शर्मा ने कहा,
राहुल द्रविड़ के खेलने के दिनों में भारतीय टीम की मानसिकता डिफेंसिव थी। वे इस मानसिकता के साथ उतारते थे कि सीरीज ना हारें। विराट कोहली का दृष्टिकोण जीत हासिल करना है और इसलिए वह पांच गेंदबाजों के साथ खेलते हैं।
आखिर में कप्तान को ही टीम को लीड करना होता है - राजकुमार शर्मा
राजकुमार शर्मा के मुताबिक राहुल द्रविड़ का जो कद है, उन्हें अच्छे से हेड कोच की भूमिका पता है। हालांकि उन्होंने कहा कि कोच मुख्य रूप से योजना बनाने पर ध्यान देता है क्योंकि अंत में कप्तान ही टीम को लीड करता है। शर्मा ने कहा,
राहुल द्रविड़ ने ग्रेग चैपल की घटना देखी है। इसलिए, वह जानते हैं कि कोच की भूमिका क्या है। उनका काम रणनीति बनाना और युवाओं को तैयार करना है। आखिर में कप्तान को ही टीम का लीड करना होता है।
भारतीय टीम 26 दिसंबर से सेंचुरियन में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज की शुरुआत करेगी। बतौर कप्तान विराट कोहली और कोच राहुल द्रविड़ के सामने भारत को दक्षिण अफ्रीका में पहली टेस्ट सीरीज जीत दर्ज करवाने की चुनौती होगी। भारतीय खिलाड़ी पूरी तरह से तैयारियों में जुटे हुए हैं और दोनों टीमों के बीच एक अच्छी सीरीज की उम्मीद की जा रही है।