कल से केपटाउन में शुरू हुए टेस्ट मैच (IND vs SA) में हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) को बाहर किए जाने को लेकर कई पूर्व खिलाड़ी ने कड़ी प्रतिक्रया दी है और उसी क्रम में निखिल चोपड़ा का नाम भी जुड़ गया है। निखिल का मानना है कि आखिरी टेस्ट मैच की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होना चाहिए था। उन्होंने सुझाव दिया कि विहारी को खिलाने के लिए टीम मैनेजमेंट अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) या चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) में से किसी एक को बाहर कर सकता था।
भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने तीसरे मैच में वापसी की, परिणामस्वरूप हनुमा विहारी को अच्छा करने के बावजूद टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया।
यूट्यूब चैनल खेलनीति पर बोलते हुए, चोपड़ा ने कहा कि अगर भारतीय थिंक-टैंक दो सीनियर बल्लेबाजों को ड्रॉप करने से हिचकिचाता है, तो वे उनमें से कम से कम एक को तीसरे टेस्ट के लिए बाहर कर सकते थे।
अर्धशतक की वजह से युवा खिलाड़ी को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए - निखिल चोपड़ा
क्रिकेटर से कमेंटेटर बने निखिल चोपड़ा का मानना है कि पुजारा और रहाणे दोनों ने पिछले मैच में अर्धशतक जमाए थे, लेकिन सिर्फ एक अर्धशतक के कारण एक युवा खिलाड़ी को ज्यादा देर तक नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी बल्लेबाज एक निश्चित पॉइंट पर रन बना सकता है अगर उसे इतने मौके दिए जाएं।
उन्होंने कहा,
मेरा मानना है कि हनुमा विहारी को शामिल किया जाना चाहिए था। यदि आप एक साथ दो बड़े बदलाव नहीं करना चाहते हैं तो दो में से कम से कम एक बदलाव करना समझदारी है। उन्होंने पिछले गेम में अर्धशतक बनाए थे, लेकिन क्या आप अभी भी उसकी वजह से एक युवा खिलाड़ी को बाहर कर देते हैं? कोई भी बल्लेबाज रन बना सकता है अगर उसे इतने मौके दिए जाएं।
तीसरे टेस्ट की पहली पारी में पुजारा ने 43 रन का योगदान दिया लेकिन रहाणे एक बार फिर नाकाम साबित हुए और 9 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। भारतीय मध्यक्रम नाकाम रहा और पूरी टीम पहली पारी में 223 के स्कोर पर सिमट गयी।