लम्बे समय के इंतजार के बाद हाल ही में कानपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट में धमाकेदार प्रदर्शन करने वाले श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) ने सभी को प्रभावित किया। अय्यर अपने डेब्यू मैच में शतक और अर्धशतक लगाने वाले पहले भारतीय बने। अय्यर के शानदार प्रदर्शन को लेकर कई दिग्गजों ने उनकी सराहना की। हालांकि भारत के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के मुताबिक श्रेयस अय्यर का असली टेस्ट तब होगा जब वह दक्षिण अफ्रीका दौरे (IND vs SA) पर जाएंगे।
अपने डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में अय्यर ने 105 तथा दूसरी पारी में 65 रन बनाये थे। उनके अच्छे प्रदर्शन के कारण उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम में चुना गया है।
'बैकस्टेज विद बोरिया' पर बोरिया मजूमदार से बात करते हुए सौरव गांगुली ने कहा,
मुझे लगता है कि लंबे समय तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका औसत 50 का है। मैंने उनका प्रथम श्रेणी का औसत देखा, 10 वर्षों की अवधि के लिए उनका औसत 52 था, और ऐसा करने वाले आप कोई साधरण नहीं हो सकते। किसी न किसी स्तर पर आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसर की आवश्यकता होती है।
गांगुली ने आगे कहा,
मैं बेहद खुश हूं कि उसने अपने पहले टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन उसका असली टेस्ट तब होगा जब वह दक्षिण अफ्रीका जाएगा। जब वह दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड जायेगा, तो गति और उछाल के सामने, उम्मीद है कि वह खड़ा होगा और अच्छा करेगा।
गांगुली ने अय्यर के डेब्यू टेस्ट पर शतक को लेकर दी प्रतिक्रिया
सौरव गांगुली ने डेब्यू पर शतक बनाने के लिए श्रेयस अय्यर की सराहना की, और कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि थी चाहे उन्होंने कहीं भी इसे पूरा किया हो। अपने टेस्ट डेब्यू पर शतक लगाने वाले गांगुली ने अय्यर के इस शतक को अपने निजी अनुभव से जोड़ा। उन्होंने ने कहा,
उन्होंने अपने करियर के लिए अच्छी शुरुआत की, डेब्यू पर शतक बनाया। वह जहां भी खेलता है, यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। मुझे उम्मीद है कि वह अच्छा करेगा क्योंकि वह इस पारी के बाद एक बेहतर खिलाड़ी होगा। और मैं मेरे व्यक्तिगत अनुभव से कहता हूं।
गांगुली ने 1996 में लॉर्ड्स के ऐताहिसक मैदान पर टेस्ट डेब्यू किया था और 131 रन की शानदार पारी खेली थी। गांगुली ने आगे कहा,
अगर मैं लॉर्ड्स में टेस्ट मैच से पहले 50 का था, तो मैं इसके बाद 90 का था, क्योंकि यह सिर्फ आत्मविश्वास है जो एक अलग स्तर पर चला गया। और मुझे लगता है कि श्रेयस के साथ भी ऐसा ही होना चाहिए। वह मानने लगेगा कि 'मैं टेस्ट स्तर पर रन बना सकता हूं' और यह बहुत महत्वपूर्ण है।
क्योंकि हर कोई प्रतिभा के साथ आता है। इस स्तर पर हर कोई क्षमता के साथ आता है, और जब आप इसे प्रदर्शन में बदलते हैं, तो यह आपको एक बेहतर खिलाड़ी बनाता है, क्योंकि आप मानसिक रूप से बेहतर स्थान पर हैं।