Why Indian Team has Upper Hand in Final Match : भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला बारबाडोस में खेला जाएगा। दोनों ही टीमें इस वक्त बेहतरीन फॉर्म में हैं। एक भी मैच में किसी भी टीम को हार नहीं मिली है और इसी वजह से काफी जबरदस्त मुकाबले की उम्मीद फाइनल में की जा रही है।
भारतीय टीम ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 में अभी तक अपने सारे मुकाबले जीते हैं। वहीं दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका की टीम भी लगातार 8 मैच जीतते हुए फाइनल तक पहुंची है। दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई है और वो चाहेंगे कि ट्रॉफी जीतकर नया इतिहास बनाया जाए। हालांकि टीम इंडिया की चुनौती से पार पाना साउथ अफ्रीका के लिए आसान नहीं रहने वाला है। इसकी वजह यह है कि टीम इंडिया का कॉम्बिनेशन काफी जबरदस्त है और सभी खिलाड़ी लय में हैं।
हम आपको बताते हैं कि वो कारण कौन-कौन से हैं जिसकी वजह से भारतीय टीम का पलड़ा फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारी दिखाई दे रहा है।
1.घातक गेंदबाजों की फौज
गेंदबाजी टीम इंडिया के लिए इस टी20 वर्ल्ड कप में सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी है। भारतीय टीम ने अपनी जबरदस्त बॉलिंग के दम पर ही पाकिस्तान को एक लो-स्कोरिंग मुकाबले में हरा दिया था। इसके बाद इंग्लैंड को सेमीफाइनल में हराया। कुलदीप यादव और अक्षर पटेल ने स्पिन डिपार्टमेंट में कमाल किया है। जबकि अर्शदीप सिंह टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। जसप्रीत बुमराह की इकॉनमी काफी शानदार रही है और हर एक मैच में वो विरोधी टीम पर भारी पड़े हैं। इसी वजह से भारत की गेंदबाजी के सामने टिकना प्रोटियाज बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं होगा।
2.टीम का किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर ना होना
भारतीय टीम की सबसे खास बात यह है कि किसी एक खिलाड़ी पर पूरी टीम निर्भर नहीं है। हर मुकाबले में एक अलग मैच विनर निकलकर सामने आता है। किसी मैच में रोहित शर्मा, किसी मैच में सूर्यकुमार यादव, कभी ऋषभ पंत, बुमराह, कुलदीप यादव और अक्षर पटेल जैसे खिलाड़ियों ने अलग-अलग मौकों पर टीम को मैच जिताया है। इसी वजह से ये टीम इंडिया काफी खास बन जाती है।
3.दक्षिण अफ्रीका के ऊपर पहली बार फाइनल खेलने का दबाव
भारतीय टीम कई बार आईसीसी इवेंट्स में फाइनल और सेमीफाइनल खेल चुकी है लेकिन दक्षिण अफ्रीका की टीम पहली बार किसी वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है। इसी वजह से ज्यादा दबाव दक्षिण अफ्रीका के ऊपर होगा। भारत के पास फाइनल खेलने का अनुभव है, जबकि साउथ अफ्रीका के पास नहीं है।