ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका (South Africa Cricket team) के खिलाफ तीसरे व अंतिम टी20 इंटरनेशनल मैच में भारत (India Cricket team) की तरफ से ओपनिंग करने का मौका मिला। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 14 गेंदों में तीन चौके और दो छक्के की मदद से 27 रन बनाए। लुंगी एनगिडी (Lungi Ngidi) ने स्टब्स के हाथों कैच आउट कराकर पंत की पारी का अंत किया।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय जडेजा पंत के प्रदर्शन से खुश नहीं है। जडेजा का मानना है कि टी20 इंटरनेशनल टीम में पंत की भूमिका ही स्पष्ट नहीं है, जिसकी वजह से विकेटकीपर बल्लेबाज दमदार प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।
पंत की दिनेश कार्तिक से तुलना करते हुए जडेजा ने कहा कि अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज को अपनी भूमिका अच्छी तरह पता है। केएल राहुल को तीसरे टी20 इंटरनेशनल मैच में आराम दिया गया था। भारतीय टीम ने पंत को रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग करने भेजा।
पंत के क्रीज पर नहीं टिकने के बारे में बात करते हुए जडेजा ने क्रिकबज से कहा, 'भारतीय टीम भूमिकाओं से ऊपर उठ चुकी लगती है और पंत किसी भूमिका में फिट होते नहीं दिखते हैं। वहां वो हार जाते हैं। दिनेश कार्तिक ने शानदार पारी खेली। उन्हें अपनी भूमिका पता है और यह कारगर साबित हो रही है। अगर वो अपनी भूमिका को नहीं जानते और पहले की तरह नंबर-4 पर बल्लेबाजी करते तो इस पिच पर 46 रन बनाकर अपना विकेट नहीं फेंकते।'
पंत इंदौर में कुछ आक्रामक अंदाज में नजर आए। उन्होंने लुंगी एनगिडी के ओवर में दो चौके और दो छक्के जमाए। फिर इसी ओवर में आउट होकर चले गए। पंत की कमजोरी का विश्लेषण करते हुए जडेजा ने कहा कि वो कार्तिक से बहुत कुछ सीख सकते हैं, जो अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में अधिकांश इस दौर से गुजरे।
जडेजा ने कहा, 'पंत को डीके से सीखना चाहिए। उन्हें कार्तिक से पूछना चाहिए कि मुझे क्या करने की जरूरत है? क्या मैं कहीं पिछड़ रहा हूं? आप ऐसे दौर से गुजर चुके हैं। मुझे राह बतलाएं। यह मायने नहीं रखता कि मैं पंत का कितना बड़ा फैन हूं। आप कितने लंबे समय तक उनके साथ चल सकते हैं? उनमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और सिर्फ प्रारूप की बात है। तो यह कुछ ऐसा है जिसका उन्हें पता लगाने की जरूरत है।'
जडेजा ने स्वीकार किया कि पंत ने इंदौर में सुनहरा मौका गंवा दिया। उन्होंने कहा, 'पंत को ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है। उसे बस अपने बल्लेबाजी जोड़ीदार को देखने की जरूरत है। कार्तिक पर विश्वास और उन्हें स्वीकार करने में भारतीय टीम को 15 साल लग गए। दिनेश कार्तिक में समान प्रतिभा थी। टीम से उन्हें समर्थन प्राप्त था। मगर आप प्रदर्शन नहीं करेंगे तो टीम कहीं न कहीं आपको बाहर का रास्ता ही दिखाएगी।'