श्रीलंका (Sri Lanka) के पूर्व खिलाड़ी अविष्का गुनावर्धने (Avishka Gunawardene) को सभी चार्ज से बरी कर दिया गया है। एक इंडिपेंडेंट ट्रिब्यूनल ने इस खिलाड़ी को चार्ज से मुक्त कर दिया। उनके ऊपर दो साल का बैन लगा था लेकिन अब वह प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलने के योग्य होंगे। यह निर्णय अपील के लिए खुला है और शीघ्र ही दोनों पार्टियों को एक औपचारिक, विस्तृत निर्णय बताया जाएगा।
इस खिलाड़ी को एंटी करप्शन के कुछ नियमों के उल्लंघन में आरोपित किया गया और चार्ज लगाए गए। इसके बाद उनके ऊपर बैन लगाया गया। अविष्का गुनावर्धने ने इसके खिलाफ अपील करते हुए राहत की आशा जताई थी और उनके पक्ष में अब निर्णय आया है।
इसके अलावा श्रीलंका के पूर्व गेंदबाज नुवान जोयसा के ऊपर भी चार आरोप लगाए गए थे। उनके लिए भी चीजें अच्छी नहीं रही और आईसीसी एंटी करप्शन के अंतर्गत एक अलग मामले में इस खिलाड़ी को छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया।
जोयसा को नवंबर, 2020 में भ्रष्टाचार रोधी संहिता के तहत तीन अपराधों का दोषी पाया गया था। इस मामले में उन्होंने एक स्वतंत्र ट्रिब्यूनल के सामने सुनवाई की अपील की थी लेकिन उन्हें इससे कोई राहत नहीं मिली और इस अपील को खारिज कर दिया गया।
गौरतलब है कि आईसीसी ने एंटी करप्शन के मामले में सख्ती बरती है। पाकिस्तान और यूएई के कुछ खिलाड़ियों को भी भ्रष्टाचार और फिक्सिंग के मामले बैन किया गया है। फिक्सिंग की जानकारी नहीं देने वाले खिलाड़ियों को भी आईसीसी ने सजा सुनाई है और बांग्लादेश के ऑल राउंडर शाकिब अल हसन इसके उदाहरण हैं। शाकिब द्वारा फिक्सरों की जानकारी नहीं देने के बाद आईसीसी ने कड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें दो साल के लिए बैन कर दिया था।
गुनावर्धने को बरी करने के खिलाफ भी अपील की जा सकती है। देखना होगा कि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड इस मामले में क्या करता है।