भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कोलकाता के ईडन गार्डंस में चल रहे दूसरे एकदिवसीय मैच के दौरान फील्डिंग करने आई ऑस्ट्रेलियाई टीम के हर सदस्य की भुजा पर काला फीता बंधा हुआ नजर आया। ऐसा अपने पूर्व स्पिनर बॉब होलैंड की याद में किया गया है। पिछले दिनों ही उनका निधन हो गया था। पूर्व खिलाड़ी को श्रद्धांजली देने के लिए पूरी कंगारू टीम हाथ पर काला फीता बांधकर मैदान पर उतरी।
होलैंड तीसरे ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने उम्र अधिक होने के बाद टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। 70 वर्षीय इस पूर्व कंगारू खिलाड़ी की मस्तिष्क में कैंसर के चलते मृत्यु हो गई। 'डची' के नाम से मशहूर बॉब ने 1984 में 38 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। उस वक्त गाबा में वेस्टइंडीज की टीम ऑस्ट्रेलिया के सामने थी। अगले साल सिडनी में जब ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच जीता, तब उनका नाम सुर्ख़ियों में आया। होलैंड ने अपने टेस्ट जीवन में 11 मैच खेलकर 39।36 के औसत से 34 विकेट झटके।
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ अपना 100वां वन-डे खेल रहे हैं और उनके साथ पूरी टीम ने होलैंड को श्रद्धांजली देते हुए हाथ पर काला फीता बांधकर मैदान पर उतरे।
गौरतलब है कि होलैंड को कैंसर होने का पता इस वर्ष मार्च में चला था। इसके बाद इलाज में उन्हें कीमोथैरेपी और रैडियशन देते हुए दिमाग में पनपे ट्यूमर को निकालने के लिए सर्जरी की गई थी। इसके बाद उनका इलाज सही नहीं रहा और उनकी मृत्यु हो गई। दूसरे वन-डे की पहली पारी के दौरान पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कमेंट्री करते हुए होलैंड के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि वे एक शानदार गेंदबाज थे और मैं उनके खिलाफ बोल्ड हुआ था। यह 1986 में तीन टेस्ट मैचों के लिए भारत आई ऑस्ट्रेलियाई टीम के समय की बात थी।