Team India foreign Coaches List: दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्केल (Morne Morkel) को भारतीय टीम का गेंदबाजी नियुक्त किया गया है। टीम के हेड कोच गौतम गंभीर पहले से चाहते थे कि मोर्केल उनके साथ सपोर्ट स्टाफ का हिस्सा बनें। बीसीसीआई ने गंभीर को निराश नहीं किया।
मोर्केल का कॉन्टैक्ट 1 सितम्बर से शुरू होगा। वहीं, उनका कार्यकाल 19 सितम्बर से बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज से शुरू होगा। मोर्केल से पहले भी कई विदेशी दिग्गज भारतीय टीम के कोच रह चुके हैं, जिनका रिकॉर्ड मिला-जुला रहा है। इस आर्टिकल में अब तक टीम इंडिया के रहे विदेशी कोचों और उनके रिकॉर्ड के बारे में जिक्र करेंगे।
1. जॉन राइट
न्यूजीलैंड के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज जॉन राइट भारतीय टीम के पहले विदेशी कोच थे। कपिल देव के बाद उन्होंने साल 2000 में इस जिम्मेदारी को संभाला था। राइट और सौरव गांगुली की जोड़ी ने टीम इंडिया को विश्व क्रिकेट में कई उपलब्धियां दिलाई थीं। इसके अलावा उनकी ही कोचिंग में मेन इन ब्लू 1983 के बाद वर्ल्ड कप 2003 के फाइनल में पहुंची थी। हालांकि, आखिरी मौके पर टीम चैंपियन बनने से चूक गई थी। 2005 तक राइट टीम इंडिया के हेड कोच रहे थे। राइट भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग से हुए विवाद को लेकर भी चर्चा में रहे थे।
2. ग्रेग चैपल
जॉन राइट के बाद ग्रेग चैपल के रूप में मेन इन ब्लू को अपना दूसरा विदेशी कोच मिला था। हालांकि, उन्होंने दो साल तक ही इस जिम्मेदारी को संभाला था। 2007 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद शर्मनाक रहा था और इसी वजह से चैपल ने अपना कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाने का फैसला लिया था।
3. गैरी कर्स्टन
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज गैरी कर्स्टन की गिनती भारत के सबसे पसंदीदा कोचों में होती है। कर्स्टन ने 2008-2011 तक इस भूमिका को निभाया था। कर्स्टन ने 2009 में भारत को पहली बार टेस्ट क्रिकेट में नंबर 1 बनाने में अहम योगदान निभाया था। उनकी कोचिंग में भारतीय क्रिकेट टीम 28 सालों के लम्बे इंतजार के बाद 2011 में दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनी थी। इसके बाद उन्होंने अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए इरादे से अपने कार्यकाल को आगे नहीं बढ़ाया था।
4. डंकन फ्लेचर
जिम्बाब्वे के पूर्व अनुभवी क्रिकेटर डंकन फ्लेचर 2011-15 से तक टीम इंडिया के हेड कोच के पद पर कार्यरत रहे थे। उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम ने एमएस धोनी की अगुवाई में 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। वहीं, भारतीय टीम 2015 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में हार गई थी, जिसके बाद फ्लेचर ने इस पद को छोड़ दिया था।