क्रिकेट फैंस, विज्ञापनदाता और प्रसारणकर्ताओं के लिए बड़ी ख़ुशी की बात है कि भारतीय टीम 2017 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने के लिए तैयार है, जिसकी शुरुआत इंग्लैंड एंड वेल्स में 1 जून से होगी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सदस्यों ने 7 मई को होने वाली विशेष आम बैठक (एसजीएम) में फैसला करना है कि भारत को आगामी आईसीसी टूर्नामेंट से बाहर करना है या नहीं, लेकिन स्पोर्ट्सकीड़ा को नजदीकी सूत्र से जानकारी मिली है कि प्रशासक समिति (सीओए) इसलिए टीम को भेजना चाहती है ताकि इंग्लैंड से उसके संबंध ख़राब न हो। बीसीसीआई और आईसीसी के बीच जारी टसल के कारण भारतीय टीम के आईसीसी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पर संदेह बना हुआ था। चैंपियंस ट्रॉफी के लिए 25 अप्रैल की निर्धारित समयसीमा तक बीसीसीआई ने टीम का ऐलान भी नहीं किया। सीओए और राहुल द्रविड़ व सचिन तेंदुलकर समेत 12 पूर्व भारतीय खिलाड़ी टीम को टूर्नामेंट में भेजने के पक्ष में हैं। अप्रैल में हुई आईसीसी बोर्ड बैठक में नए आर्थिक मॉडल से बाहर किये जाने के बाद बीसीसीआई को मोटी रकम का नुकसान हुआ, जिससे बोर्ड खुश नहीं है। बीसीसीआई सदस्य रविवार को विशेष आम बैठक में फैसला लेंगे कि भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेंगे या नहीं। सीओए ने पहले ही बीसीसीआई को सूचित कर दिया है कि सभी एसोसिएशन्स द्वारा एक फैसला लिया जाएगा जो मान्य होगा। यह भी पढ़ें : भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए समयसीमा पर नहीं किया टीम का ऐलान आईसीसी के साथ बीसीसीआई की टसल नए मॉडल के कारण बढ़ गई है। पिछले मॉडल के मुताबिक बीसीसीआई को 570 मिलियन यूएस डॉलर मिलते थे, लेकिन नए मॉडल की वजह से यह घटकर केवल 290 मिलियन यूएस डॉलर रह गया है। बीसीसीआई को इसके बाद 100 मिलियन यूएस डॉलर अलग से देने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन बोर्ड ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बजाय एक धड़े का मानना है कि आईसीसी के साथ सदस्य हिस्सेदारी समझौते को निरस्त करना चाहिए, जिसकी वजह से भारत आईसीसी टूर्नामेंट्स से 2023 तक बाहर हो जाएगा। इसमें आगामी चैंपियंस ट्रॉफी भी शामिल है। एक ई-मेल में प्रशासकों ने बीसीसीआई के संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी को कहा, 'चयनकर्ताओं की जल्द ही बैठक आयोजित कराकर टीम का चयन किया जाए। बीसीसीआई के कानूनी अधिकारों के भेदभाव के बिना टीम आईसीसी को सौंप दी जाए।'