ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वन-डे और टी20 की भारतीय टीम में शामिल नहीं करने के बाद रविचंद्रन अश्विन का बयान आया है। उन्होंने कहा कि वे टीम से बाहर रखे जाने के बारे में नहीं सोच रहे थे। इसके अलावा उन्होंने फिर से सीमित ओवर प्रारूप की टीम में जगह बनाने का भरोसा भी जताया।
एक अंग्रेजी अख़बार से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं निराश नहीं हूँ। एक दिन अवसर खुद आकर मेरा दरवाजा खटखटाएगा। मैंने ज्यादा कुछ गलत नहीं किया है। इसलिए जब मुझे मौका मिलेगा और मैं खुद को इसमें लेकर जाऊँगा, तब मेरी क्षमता के अनुसार खेल को ऊपर लेकर जाऊंगा।
जब सीमित ओवर प्रारूप में उनके भविष्य को लेकर सवाल किया गया तब उन्होंने कहा कि यह एक मुश्किल सा सवाल है, मुझे वापसी के बारे में मालूम नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि मैं यह भी जानता हूँ कि वापसी आसानी से नहीं होती।
गौरतलब है कि इस वर्ष इंग्लैंड में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट के तीन मैच खेलकर अश्विन को मुश्किल से महज एक विकेट हासिल हुआ। इस दौरान उनका औसत भी 167 का रहा। इसके बाद अश्विन का सफ़ेद गेंद से खेलना संदेह के घेरे में आ गया।
हालाँकि अश्विन ने वेस्टइंडीज दौरे पर प्रदर्शन बुरा नहीं किया था लेकिन चयनकर्ताओं ने कलाई वाले युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की जोड़ी को मौका देते हुए उन्हें बाहर बैठाया। इसके बाद श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इन दोनों का प्रदर्शन भी शानदार रहा है।
देखा जाए तो अश्विन और जडेजा को आराम देकर चहल तथा कुलदीप यादव को लाने पर टीम का प्रदर्शन निखर भी है। विराट कोहली ने भी यह माना था कि हर प्रारूप के लिए अलग खिलाड़ियों का चयन करने से ही टीम को सफलता मिली है। हालांकि चयनकर्ताओं ने भी यह साफ़ किया था कि अश्विन और जडेजा को आराम दिया गया है। देखना यह है कि अश्विन कब सीमित ओवर प्रारूप में वापस दिखते हैं।