भारतीय टीम ने कोलकाता टेस्ट मैच में मेहमान बांग्लादेश को तीसरे दिन के पहले सेशन में एक पारी और 46 रनों से हरा दिया। पहली पारी में 106 रन पर आउट होने वाली बांग्लादेशी टीम दूसरी पारी में 195 रन बनाकर आउट हो गई। चोटिल महमुदुल्लाह वापस बल्लेबाजी के लिए नहीं आए, वे रिटायर्ड हर्ट हुए थे लेकिन अंतिम विकेट के रूप में वापस मैदान पर नहीं आने की वजह से उन्हें रिटायर्ड आउट माना गया।
भारतीय टीम की तरफ से बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभाग में बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया गया। इशांत शर्मा, उमेश यादव और मोहम्मद शमी की बेहतरीन गेंदबाजी के बाद चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे ने जबरदस्त बल्लेबाजी की। टीम इंडिया ने बल्लेबाजी में बेहतर किया लेकिन गेंदबाजी उनकी मैच में रीढ़ की हड्डी की तरह नजर आई। मेजबान बल्लेबाज टीम इंडिया की हिलती हुई गेंदों के सामने बिलकुल बेबस नजर आ रहे थे। सिर्फ मुशफिकुर रहीम ने अपने अनुभव के आधार पर भारतीय गेंदबाजी का सामने करते हुए अर्धशतक जड़ा। उनके अलावा बांग्लादेश की टीम काफी निराशाजनक क्रिकेट खेलती हुई दिखी और नतीजा यह हुआ कि भारत को ढ़ाई दिन से भी कम समय में मैच में जीत दर्ज करने का अवसर मिला। इस लेख में उन तीन कारणों के बारे में बात की गई है, जो भारत की जीत में मददगार रहे लेकिन बांग्लादेश के लिए नुकसानदायक रहे।
बांग्लादेश की पहली पारी में लचर बल्लेबाजी
टॉस जीतकर पहले खेलते हुए बांग्लादेश की टीम ने पहली पारी में तीस ओवर में ही आत्म-समर्पण कर दिया। भारतीय तेज गेंदबाजों की स्विंग के सामने किसी भी बल्लेबाज ने टिकने की हिम्मत नहीं दिखाई और टीम 106 रन पर आउट हो गई। इसके लिए शुरुआती क्रम से लेकर मध्यक्रम तक के सभी बल्लेबाज जिम्मेदार हैं। भारत के लिए यह कारण मैच जीतने के पक्ष में गया क्योंकि उन्होंने इस स्कोर से काफी ज्यादा रन बनाकर बड़ी बढ़त ली।
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विराट कोहली का शतक
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने दोनों ओपनर बल्लेबाजों के आउट होने के बाद संयम से बल्लेबाजी की। उन्होंने चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के साथ अहम साझेदारियां की। कोहली ने अपना 27वां शतक तो जड़ा ही लेकिन टीम का स्कोर तीन सौ के पार पहुंचाने में उनका योगदान काफी अहम था। यही कारण था कि बांग्लादेश की टीम दूसरी पारी में खेलते हुए टीम इंडिया से पीछे थे और वे बढ़त को पार करने में असमर्थ रहे तथा एक पारी और 46 रन से पराजित हो गए। कोहली का शतक इस मैच में काफी मायने रखने वाला था।
भारतीय तेज गेंदबाजों का धाकड़ प्रदर्शन
पहली पारी से लेकर दूसरी पारी तक भारतीय तेज गेंदबाजी समान रही। इशांत शर्मा ने पहली पारी में पांच विकेट चटकाए, तो दूसरी पारी में उमेश यादव ने पांच विकेट झटके। हालांकि इशांत ने दूसरी पारी में भी 4 विकेट हासिल किये। दोनों गेंदबाजों के अलावा मोहम्मद शमी ने भी सही लाइन के साथ गेंदबाजी की। भारतीय स्पिनरों को मैच में एक भी विकेट हासिल नहीं हुआ, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों ने कैसा कमाल किया है। सभी उन्नीस विकेट उन्होंने झटकते हुए मेहमान टीम को पारी से हार झेलने के लिए मजबूर कर दिया।