ICC T20 World Cup टूर्नामेंट में इंग्लैंड और भारत 3 मैचों में आमने-सामने आए हैं। इन 3 मैचों में से इंग्लैंड ने 1 जीता है जबकि भारत 2 मौकों पर विजयी हुआ है।भारत ने इंग्लैंड को डर्बन मैदान में खेले गए मुकाबले में 18 रनों से शिकस्त दी थी। यह वही टूर्नामेंट था जिसमें भारत ने ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत विपक्ष को भी धुल चटाई थी। इंग्लैंड द्वारा पोस्ट किया गया उच्चतम स्कोर 200 रन है जबकि भारत द्वारा पोस्ट किया गया उच्चतम स्कोर 218 है जब भी ये दोनों टीमें विश्व कप में आपस में भिड़ी हैं।भारत द्वारा पोस्ट किया गया न्यूनतम स्कोर जहां 150 है तो वहीँ इंग्लैंड द्वारा पोस्ट किया गया न्यूनतम स्कोर 80 रन है। 2012 का वो आखरी साल था जब ये दोनों टीम आमने-सामने भीडी थी और भारत ने इंग्लैंड को 93 रनों के बड़े मार्जिन से शिकस्त दी थी। युवराज सिंह की वो परी भला कौन भूल सकता है जब उन्होंने स्टुअर्ट ब्रॉड के एक हो ओवर में 6 छक्के जड़ दिए थे।
भारत बनाम इंग्लैंड हेड टू हेड टी20 विश्व कप रिकार्ड्स:
विजेता | मार्जिन | विपक्षी | मैच तिथि | स्टेडियम |
---|---|---|---|---|
भारत | 18 रन | इंग्लॅण्ड | टी20 विश्व कप 2007 | डर्बन, दक्षिण अफ्रिका |
इंग्लॅण्ड | 3 विकेट | भारत | टी20 विश्व कप 2009 | लॉर्ड्स, इंग्लैंड |
भारत | 90 रन | इंग्लैंड | टी20 विश्व कप 2012 | कोलोंबो, श्री लंका |
टी20 विश्व कप 2007:
टी 20 विश्व कप के पहले संस्करण ने भारतीय क्रिकेट को एक से अधिक तरीकों से बदल दिया। 2007 टी20 विश्व कप में भारत न्यू ज़ीलैण्ड से हारने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ खेलने के लिए डर्बन के मैदान में पहुंचा।युवराज सिंह, फ़्लिंटॉफ़, स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे प्लेयर्स इस मैच का हिस्सा थे और ऐसे में गरमा-गरमी तो होनी ही थी।टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के लिए वो मैच ऐतिहासिक था। साली जोड़ी गौतम गंभीर और वीरेंदर सहवाग ने उस दिन भारत के लिए पहली बार शतकीय साझेदारी की।गौतम गंभीर (41 में से 58) और वीरेंद्र सहवाग (52 में से 68) ने भारत को एक मजबूत शुरुआत दी जिसके बाद बाकी कसर युवराज ने 12 गेंदों में 50 रन जड़ कर पूरी कर दी जिसके बदौलत भारत ने 218 रन 4 विकेट के नुक्सान पर जड़ दिए।
लक्ष्य का ओईचा करने उतरी इंग्लॅण्ड टीम ने शानदार बल्लेबाजी की पर लक्ष्य पूरा नहीं कर पाए,विक्रम सोलंकी (31 में 43 रन) और केविन पीटरसन (23 में से 39) ने रन का पीछा किया, लेकिन कोई अन्य बल्लेबाज 30 के पार नहीं जा सका जिसके चलते इंग्लॅण्ड ये मैच 17 रनों से हार गया।। फ़्लिंटॉफ़ से नोक झोक होने के बाद 19वाँ ओवर लेकर गेंदबाजी करने आए युवा गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड की शायद उस दिन किसमत खराब थी। 6 गेंदों में 6 छक्के जड़ कर युवराज ने अपना अर्धशतक 12 गेंदों में पूरा किया और भारत के लिए सबसे तेज टी20 विश्व कप में अर्धशतक का रिकॉर्ड अपने नाम किया।इसी के साथ टी20 विश्व कप में 6 गेंदों पर 6 छक्के जड़ने का इकलौता रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।
तब से लेकर आज तक जब भी भारत और इंग्लॅण्ड के बीच मैचों की बात होती है इस मैच को इस ख़ास लम्हे के लिए जरुर याद किया जाता है।
इस मैच की हाईलाइट आप यहाँ देख सकते हैं:
टी20 विश्व कप 2009:
जब भारतीय क्रिकेट टीम गत टी20 विश्व चैंपियन के रूप में इंग्लैंड पहुंची, तो एमएस धोनी की टीम ट्रॉफी को फिर से घर ले जाने के लिए पसंदीदा थी। बांग्लादेश और आयरलैंड जैसी टीमों के साथ तुलनात्मक रूप से कमजोर समूह में रखे जाने के कारण, भारत ने सुपर आठ चरण में अपनी जगह बड़े आसानी से बनाई। हालांकि, सुचारू शुरुआत के बाद भारतीय टीम को जल्द ही वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पहले सुपर आठ मैच में 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
भारत को अब जीत की सख्त जरूरत थी क्योंकि 14 जून 2009 को लॉर्ड्स में उसका सामना इंग्लैंड से होना था।टॉस जीतकर कप्तान धोनी ने इंग्लैंड की टीम को दबाव में लाने के लिए जल्दी विकेट लेने की उम्मीद के साथ पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया।युवराज द्वारा दुसरे ओवर में ही ल्युक राइट का विकेट झटकने के बाद इंग्लैंड ने एक मजबूत साझेदारी करते हुए 71 रन जोड़े।13वें ओवर में जब ये साझेदारी टूटी और बोपारा पवेलियन की और लौटे तो पीटरसन भी जल्द ही आउट हो गए और इंग्लैंड टीम ने अपने निर्धारित 20 ओवेरों में 7 विकेटों के नुकसान पर 153 रन बोर्ड पर जड़ दिए।
इंग्लैंड की ओर से पीटरसन ने सर्वाधिक 46 रन बनाए और बोपारा ने 37 रनों की पारी खेली। 154 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतारी भारत टीम की शुरूआत भी उतनी अच्छी नहीं रही और रोहित शर्मा 9 रन के निजी स्कोर पर पवेलियन लौट गए। चौथे नंबर पर युवराज की जगह जडेजा को भेजना भारत पर बहुत भरी पड़ा और प्रेशर में भारतीय टीम पूरी तरह बिखर गयी। धोनी, युवराज और युसूफ पठान के अथक प्रयासों के बावजूद भारतीय टीम मैच तीन रनों से हार गयी।गंभीर और जडेजा की धीमी पारी उस हार के मुख्या कारण थे।
टी20 विश्व कप 2012:
किसने सोचा था कि तीन सबसे कम रेटिंग वाले भारतीय खिलाड़ी- रोहित शर्मा, हरभजन सिंह और पीयूष चावला, गत चैंपियन के खिलाफ जीत में सबसे अधिक भूमिका निभाएंगे । 100 रन से भी कम के स्कोर पर इंग्लैंड जैसे मजबूत टीम को आल-आउट करना शायद भारतीय यें के लिए कोई छोटी बात नहीं थी, लॉर्ड्स की हार का बदला भारत ने इस मैच में लिया।पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने(170/4) ने विश्व ट्टी20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ अपना दूसरा सर्वोच्च स्कोर पोस्ट किया - उनका उच्चतम स्कोर 19 सितंबर, 2007 को डरबन में चार विकेट पर 218 रन है।हरभजन सिंह (4/12) ने टी20ई में अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का प्रदर्शन किया और इसी के बदौलत उन्हें टी 20 अंतरराष्ट्रीय में अपना पहला मैन ऑफ द मैच पुरस्कार दिलाया।
7 अगस्त 2012 को पल्लेकेले में श्रीलंका पर 39 रन की जीत को पीछे छोड़ते हुए, ट्वेंटी 20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में रनों के मामले में भारत की 90 रन की जीत उनकी सबसे बड़ी जीत थी।. गौतम गंभीर ने इरफ़ान पठान के साथ सालामी साझेदारी में 38 गेंदों पर 45 रन बनाए और बाकी टीम के लिए टोन सेट किया। विराट कोहली ने 32 गेंदों में 40 रनों की पारी के दौरान उनके साथ 57 रनों की साझेदारी की। रोहित शर्मा ने 33 गेंदों पर नाबाद 55 रनों की तेज पारी खेली , जिसमें उस पारी का केवल छक्का शामिल था।
इंग्लॅण्ड की पूरी टीम 80 रनों पर सिमट गयी, 15 नवंबर, 2009 को सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका से 84 रनों की हार को पछाड़ते हुए इंग्लैंड ने ट्वेंटी 20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में रनों के मामले में अपनी सबसे बड़ी हार का सामना किया।