भारतीय टीम ने रविवार को न्यूज़ीलैंड को पांचवे वनडे में 35 रन से हराकर वनडे सीरीज़ को 4-1 से अपने नाम करने में कामयाब रही। चौथे वनडे में महज़ 92 रन पर आउट होने के बाद वापसी कर रही भारतीय टीम पांचवे वनडे में फिर से मुसीबत में फँस गयी थी, जब महज़ 18 रन पर टीम के 4 विकेट गिर गए थे। इस लेख में हम उन पांच प्रमुख कारणों के बारे में बात करेंगे, जिसके चलते भारतीय टीम अपनी हार को जीत में बदलने में कामयाब हुई।
#5 तेज़ गेंदबाज़ो द्वारा अच्छी शुरुआत
भारतीय तेज़ गेंदबाज़ो ने अपनी बेहतरीन फॉर्म पांचवे वनडे मुकाबले में भी दिखाया। पांचवें मुकाबले में टीम में वापसी कर रहे बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने अपनी टाइट लाइन और लेंथ के चलते न्यूज़ीलैंड के सलामी बल्लेबाज़ों को हाथ खोलने का मौका नहीं दिया। शमी ने ओपनिंग कर रहे बल्लेबाज़ों को अपने पहले 4 ओवरों में ही पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। शमी ने हेनरी निकोल को बाउंसर के साथ वहीं कोलिन मुनरो को वाइड जा रही गेंद पर आउट किया।
बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ भुवनेश्वर कुमार ने शमी का अच्छा साथ दिया और उनके साथ एक टाइट स्पेल डाला, जिसमे भुवनेश्वर ने न्यूज़ीलैंड के कप्तान विलियम्सन और उप कप्तान रॉस टेलर को आउट स्विंग गेंदों से परखा । एक बार
भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी के बाद बारी थी हार्दिक पंड्या और विजय शंकर की। दोनों ही गेंदबाजों ने अच्छी लेंथ पर और बल्लेबाज़ों को सेटल होने से रोकने के लिए टाइट गेंदबाज़ी की, जिसके चलते हार्दिक पंड्या को न्यूज़ीलैंड के उप कप्तान रॉस टेलर का अहम विकेट मिला और न्यूज़ीलैंड का स्कोर 49 रन पर 3 विकेट हो गया।
#4 धोनी द्वारा जिमी नीशम का रन-आउट
यह कहना गलत नहीं होगा की पारी के 37वें ओवर में ओवर डाल रहे केदार जाधव और विकेट- कीपर महेंद्र सिंह धोनी भारत को मुकाबले में वापस ले आये थे।भारतीय विकेट-कीपर महेंद्र सिंह धोनी ने फिर से स्टंप्स के पीछे अपनी बुद्धिमता का नज़ारा दिखाया और ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी कर रहे न्यूज़ीलैंड के आल-राउंडर जिमी नीशम को 44 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर वापस पवेलियन भेजा।