भारतीय टीम को पिछले कुछ समय से तगड़े तेज गेंदबाज मिले हैं। ख़ास बात यह है कि सभी तेज गेंदबाज नियमित रूप से गति बरकरार रखने में कामयाब रहते हैं। भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने इसको लेकर एक खुलासा किया है। भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच ने कहा कि जीपीएस ट्रेसर की मदद से खिलाड़ी की मैदान पर हुई हलचल का डाटा लेकर ट्रेनिंग के समय काम करते हैं।
भरत अरुण ने कहा कि गेंदबाज कितने ओवर करता है यह देखा जाता है लेकिन कई बार ज्यादा भी होता है यह नियंत्रण में नहीं है। इसको लेकर जीपीएस ट्रेसर से मदद ली जाती है। उदाहरण के लिए एक खिलाड़ी मैदान पर बीस किलोमीटर भागता है उसका डाटा लेकर विश्लेषण किया जाता है। उसके बाद ट्रेनिंग में इसे लागू किया जाता है। सही संतुलन जरूरी है और भारतीय टीम के गेंदबाज ऐसा करने में कामयाब रहे हैं। यही वजह है कि गेंदबाज नियमित रूप से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गेंद डालते हैं।
यह भी पढ़ें:3 स्टेडियम जहाँ आईपीएल का एक भी मैच नहीं हुआ है
भारतीय टीम के पास धाकड़ पेस बैटरी
भारतीय टीम के के गेंदबाज इस समय विश्व क्रिकेट के श्रेष्ठ गेंदबाजों में गिने जाते हैं। तेज गेंदबाजों ने विश्व भर के धाकड़ बल्लेबाजों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार के रूप में भारतीय टीम के पास बेहतरीन पेस आक्रमण है। वर्ल्ड कप में जसप्रीत बुमराह ने पिछले साल इंग्लैंड में शानदार गेंदबाजी का नजारा पेश किया था।
एक समय था जब भारतीय टीम में नियमित रूप से तेज गेंद फेंकने वाले कम गेंदबाज होते थे लेकिन समय में बदलाव के साथ इस कमी में भी सुधार हुआ। भारतीय टीम के पास टी20 क्रिकेट में नवदीप सैनी जैसा गेंदबाज है जो 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से भी गेंद फेंक सकता है। देखा जाए तो विश्व क्रिकेट के दमदार तेज गेंदबाजी आक्रमण में भारतीय टीम के गेंदबाजों का नाम जरुर आएगा। फिलहाल कोरोना वायरस की वजह से सभी खिलाड़ियों की ट्रेनिंग प्रभावित हुई है। बीसीसीआई उचित समय आने पर वापस टीम को मैदान पर उतारेगी।