श्रीलंका के ख़िलाफ़ वनडे और टी20 की ये टीम इंडिया मिशन वर्ल्डकप 2019 की तैयारी है या बदले की पहली शुरुआत ?

श्रीलंकाई दौरे पर गई विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया टेस्ट में कमाल का प्रदर्शन करते हुए मेज़बानों का क्लीन स्वीप करने के क़रीब खड़ी है। पहले दो टेस्ट मैचों में बड़ी जीत के बाद तीसरे और आख़िरी टेस्ट में भी कोहली एंड कंपनी पारी की जीत के इरादे से कुछ ही देर में मैदान में उतरने वाले हैं। टेस्ट के बाद भारत को 5 वनडे और एकमात्र टी20 खेलना है, 20 अगस्त से शुरू होने वाली इस सीमित ओवर की सीरीज़ के लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया गया, जिसकी कमान विराट कोहली के ही कंधों पर है लेकिन आर अश्विन, रविंद्र जडेजा और मोहम्मद शमी को सीमित ओवर की सीरीज़ से आराम दिया गया है। जबकि वनडे से युवराज सिंह का पत्ता काट दिया गया है और सुरेश रैना की भी वापसी की उम्मीदें ख़त्म हो गईं, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी विकेटकीपर के तौर पर टीम में बरक़रार हैं। ऐसा माना जा रहा है कि चयनकर्ताओं ने कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली से सलाह-मशवराह करते हुए मिशन वर्ल्डकप 2019 के मद्देनज़र टीम का चयन किया है। यही वजह है कि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वनडे क्रिकेट में वापसी करने वाले बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज़ युवराज सिंह को टीम में शामिल नहीं किया गया है, चयनकर्ताओं के मुताबिक़ युवराज की फ़ॉर्म से ज़्यादा चिंता का विषय उनकी फ़िट्नेस है। चैंपियंस ट्रॉफ़ी से लेकर वेस्टइंडीज़ दौरे में भी युवराज की फ़िट्नेस और मैदान पर लचर फ़िल्डींग उन्हें बाहर बैठने का सबसे बड़ा कारण बनी है। दिसंबर में 36 वर्ष के होने वाले युवराज की जगह टीम में दाएं हाथ के मध्यक्रम बल्लेबाज़ मनीष पांडे को शामिल किया गया है जो योग्य भी हैं। तो वहीं आर अश्विन, रविंद्र जडेजा और मोहम्मद शमी को आराम देकर बेंच स्ट्रेंथ को मौक़ा देना और रोटेशन पॉलिसी के तहत हर एक खिलाड़ी को मैच फ़िट रखने पर भी ज़ोर दिया गया है। जडेजा की जगह जहां टीम में अक्षर पटेल को एक बार फिर मौक़ा मिला है तो अश्विन की जगह युजवेंद्र चहल को लाया गया है जबकि टीम में शमी के स्थान पर शार्दुल ठाकुर के रूप में इकलौता नया चेहरा है। शार्दुल सीधे दक्षिण अफ़्रीका दौरे से टीम के साथ जुड़ेंगे, ठाकुर भारत-ए के साथ प्रोटियाज़ दौरे पर थे जहां उन्होंने त्रिकोणीय सीरीज़ में भारत-ए को चैंपियन बनाने में अहम योगदान दिया था और फ़ाइनल में 3 विकेट भी झटके थे। लग तो ऐसा रहा है कि चयनकर्ताओं ने एक संतुलित और भविष्य को ध्यान में रखते हुए टीम चुनी है। लेकिन दिनेश कार्तिक के शानदार फ़ॉर्म में होते हुए एक बार फिर उन्हें टीम से बाहर करना सभी को हैरान भी कर रहा है। कार्तिक ने चैंपियंस ट्रॉफ़ी में जितने भी मौक़े मिले थे, उसे बख़ूबी भुनाया था और फिर वेस्टइंडीज़ में भी कार्तिक का प्रदर्शन अच्छा ही रहा था। उसके बावजूद कार्तिक पर गाज क्यों गिरी इसका जवाब चयनकर्ताओं के पास नहीं है। # इसलिए कार्तिक पर गिरी गाज ? इस टीम को अगर ध्यान से देखा जाए तो आप भी समझ जाएंगे कि इसमें भूत से लेकर भविष्य तक का ध्यान इस तरह रखा गया है कि बदला भी पूरा हो जाए और संतुलन भी नज़र आए। ज़रा सोचिए और याद कीजिए दिनेश कार्तिक को टीम में वापस लेकर कौन आया था ? जवाब है अनिल कुंबले, और फिर पूर्व कोच अनिल कुंबले और विराट कोहली की अनबन की वजह सभी के सामने है। कहीं ऐसा तो नहीं कि उसी अनबन का ख़ामियाज़ा कार्तिक को उठाना पड़ गया। # तो फिर कुलदीप कैसे बच गए ? आप सोच रहे होंगे कि अगर ऐसा होता तो फिर कुलदीप यादव कैसे ? क्योंकि कुंबले और कोहली के बीच के विवाद की शुरुआत तो धर्मशाला में कुलदीप यादव को टीम में शामिल करने से हुई थी, कोहली नहीं चाहते थे कि कुलदीप खेलें और जब उनकी ग़ैरमौजूदगी में कमान अजिंक्या रहाणे ने संभाली तो कुंबले ने कुलदीप को टेस्ट कैप दिलवा दी। और उसी मैच में 4 विकेट लेते हुए कुलदीप ने अपने चयन को सिद्ध करते हुए कोहली को उनके ख़िलाफ़ बोलने का मौक़ा तो नहीं दिया लेकिन कुंबले के साथ उनकी लड़ाई की शुरुआत यहीं से हो चुकी थी। अगर आप ध्यान दें तो मौजूदा श्रीलंकाई सीरीज़ में भी कुलदीप यादव पहले दो टेस्ट बाहर ही बैठे थे और उन्हें मौक़ा तब मिला जब जडेजा पर एक मैच का बैन लगा और उस मौक़े का फ़ायदा उठाते हुए कुलदीप ने फिर विकेट का चौका लगा दिया। शायद यही कारण था कि उसी शाम हुए सेलेक्शन में कुलदीप को 15 खिलाड़ियों में शामिल कर लिया गया। # क्या युवराज सिंह के करियर पर लग गया विराम ? अब बात युवराज सिंह की, जिन्हें बाहर करते हुए शास्त्री, कोहली और चयनकर्ताओं ने एक बड़े और बोल्ड फ़ैसले के साथ साथ बड़े बदले की नींव भी तैयार कर ली है। इसमें कोई शक नहीं है कि युवराज की फ़िट्नेस और उम्र फ़टाफ़ट क्रिकेट में उनके आड़े आ रही थी और युवराज की यही कमज़ोरी रवि शास्त्री और विराट कोहली के बड़े बदले की बड़ी ताक़त बन गई। अभी युवराज को ये कहकर आराम से बाहर कर दिया गया कि युवी की फ़िट्नेस और उम्र टीम इंडिया के मिशन 2019 के बीच आड़े आ रही है और वह वहां फ़िट नहीं बैठ पा रहे। # युवराज को बाहर करना धोनी के लिए इशारा है ! तो उम्र तो महेंद्र सिंह धोनी की भी 36 के पार हो गई है और वर्ल्डकप तक वह भी 37 साल के हो जाएंगे। यानी कोहली और शास्त्री ने एक संकेत दे दिया है कि युवराज के बाद अगला नंबर कैप्टेन कूल का ही होगा, एक साथ अगर दो बड़े खिलाड़ियों को बाहर का रास्ता अभी दिखा दिया जाता तो उन्हें भी पता था कि वह फ़ैसला बोल्ड नहीं कहलाता बल्कि उन्हें ही क्लीन बोल्ड कर सकता था। मतलब साफ़ है चयनकर्ताओं ने मिशन 2019 वर्ल्डकप को ध्यान में रखते हुए टीम इंडिया का चयन किया है तो शास्त्री और उनके साथी एक ऐसी चाल चल गए जहां न तो उन पर शक होगा और न ही सवाल। अगर कुछ होगा तो बड़ी ही आसानी से उनका 'मिशन बदला' क़ामयाब होगा, जिसके लिए उन्होंने युवराज का पत्ता और करियर साफ़ करते हुए धोनी की संन्यास की सड़क भी तैयार कर दी है।

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