आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप 2018 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से हारने के बाद भारत की बल्लेबाजी को लेकर तरह-तरह के सवाल उठने लगे थे। सबसे ज्यादा प्रश्न चिह्न मध्यक्रम और चौथे नंबर की बल्लेबाजी को लेकर लगे। इसके बाद भारतीय टीम के कोचिंग स्टाफ में परिवर्तन का मांग उठने लगी। सबसे बड़ी गाज बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ पर गिरी और उनकी जगह चयनकर्ताओं ने विक्रम राठौर को यह जिम्मेदारी सौंप दी। राठौर के लिए भी यह चुनौती कम नहीं है क्योंकि मध्यक्रम के लिए सही बल्लेबाज का चुनाव करना उनकी सबसे बड़ी परीक्षा है। हालांकि, उनके जेहन में कुछ बल्लेबाजों के नाम हैं, जिन्हें वह इस नंबर पर खिलाना चाहते हैं।
राठौर ने बीसीसीआई टीवी को दिए साक्षात्कार में कहा कि एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में मध्यक्रम का प्रदर्शन उनकी मुख्य चिंता है। मध्यक्रम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है। हमें किसी भी कीमत पर इस समस्या का हल ढूंढ़ना होगा। ऐसी ही समस्या टेस्ट क्रिकेट में सलामी बल्लेबाजों की पार्टनरशिप को लेकर है। हमारे पास कई विकल्प हैं। हमें बल्लेबाजों के और निरंतर होने का तरीका तलाशना होगा। मुझे वनडे में चौथे नंबर की बल्लेबाजी के लिए श्रेयस अय्यर और मनीष पांडे सही विकल्प लगते हैं। श्रेयस ने पिछले दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है। हमारे पास मनीष पांडे भी हैं। दोनों खिलाड़ियों ने घरेलू के साथ इंडिया ए के लिए अच्छा खेला है। मुझे लगता है कि ये ऐसे बल्लेबाज हैं, जो अपना काम बखूबी करने के काबिल हैं। अब हमें उन्हें वापस लाने और सही तैयारी कराने की आवश्यकता है, ताकि वह लंबे समय तक निरंतर प्रदर्शन कर सकें।
यह भी पढ़ें: हर मैच को अपने आखिरी मैच की तरह खेलता हूं, हनुमा विहारी की बड़ी प्रतिक्रिया
राठौर ने टेस्ट क्रिकेट में सलामी बल्लेबाजों की साझेदारी को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में शिखर धवन, केएल राहुल, पृथ्वी शॉ, हनुमा विहारी, मुरली विजय और मयंक अग्रवाल को ओपनिंग स्लॉट में लाने की कोशिश की गई लेकिन वे लगातार रन बनाने में नाकाम साबित हुए। हालांकि, अग्रवाल और शॉ आशाजनक दिखे। अब हमारे पास विकल्प मौजूद हैं और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। अब हमें उनके लिए अच्छे रास्ते तलाशने की जरूरत है, ताकि वे उस पर चलकर अपना बेहतर प्रदर्शन करके दिखाएं।
Hindi Cricket News, सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज स्पोर्ट्सकीड़ा पर पाएं।