भारतीय टीम 'लूजर' की तरह है : अजित वाडेकर

अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के नये कोच की तलाश तेज हो गयी है। क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) ने की जिम्मेदारी है कि वह अभी तक मील सभी आवेदनों में से सर्वश्रेष्ठ का चुनाव करें। पूर्व भारतीय कोच अजित वाडेकर का मानना है कि अगर कुंबले नहीं, तो वीरेंदर सहवाग कोच के रूप में सबसे सही विकल्प होगें। एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा "खेल के प्रति सहवाग का रवैया काफी आक्रमक है, जो भारत के लिए अच्छा साबित होगा।" इसके अलावा उन्होंने कुंबले के चले जाने पर टीम इंडिया को 'लूजर' तक कह डाला। बीसीसीआई चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान ही मुख्य कोच पद के लिए आवेदन मंगवा चुका है। कुंबले ने मंगलवार को सबको चौंकाते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया था। जिसके बाद अब नए कोच का चुनाव होना है। कुंबले के अलावा 5 और लोगों ने इस पद के लिए आवेदन किया था जिसमें वीरेंद्र सहवाग, लालचंद राजपूत, टॉम मूडी, रिचर्ड पायबस और डोडा गणेश शामिल हैं। कुंबले के हटने के बाद अब सिर्फ 5 ही आवेदन बचें है जिनके बीच चुनाव करना है। वाडेकर ने कहा "पिछले एक साल के प्रदर्शन को देखकर मैं कुंबले को ही कोच रखना चाहूंगा। उनके कार्यकाल के दौरान टीम ने जैसा प्रदर्शन किया, वो आप रिकॉड देख कर ही समझ सकते हैं और हमें उनका आदर करना चाहिए।" चैंपियंस ट्रॉफी के बाद ही खत्म होने वाले कुंबले के कार्यकाल को वेस्टइंडीज दौरे तक बढ़ा दिया गया था लेकिन वो टीम के साथ वेस्टइंडीज नहीं गए और मंगलवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया। पूर्व कप्तान वाडेकर 1992 से 1996 के बीच टीम के कोच थे और उस दौरान कुंबले खिलाड़ी के रुप में टीम के साथ थे। वाडेकर ने कहा "जब मैं टीम का कोच था, तो कुंबले उस समय खिलाड़ी के रूप में टीम में थे। जब टीम में सबसे सुलझे हुए व्यक्ति थे। वो पढ़े-लिखे, ईमानदार और अपने खेल के प्रति जुनूनी थे। उन्हें बस जीत पसन्द थी और कुछ नहीं। मुझे उनके इस्तीफे से अचम्भा लगा।" पूर्व कोच ने आगे कहा कि मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि विराट कोहली जैसे कप्तान इस हद तक कैसे पहुंच गए? वर्तमान समय में कुंबले ही कोच के रूप में सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं। मैं कोहली से पूछना चाहूंगा कि जब टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है फिर उनका नजरिया एक साल में ही कुंबले के प्रति क्यों बदल गया? यह बिल्कुल बचपना है। वाडेकर ने यहां तक बोल दिया कि अगर आप मुझे टीम के बारे में पूछेंगे तो मैं उन्हें एक 'लूज़र' कहूंगा क्योंकि उन्होंने कुंबले जैसे व्यक्तित्व को खो दिया।