बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज का चौथा व अंतिम मैच धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में 25 मार्च से शुरू होगा। भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें इस टेस्ट को जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतना चाहेंगी। फ़िलहाल दोनों टीमें सीरीज में 1-1 की बराबरी पर है। अब तक हुए तीन टेस्ट काफी मनोरंजक रहे तथा दोनों टीमों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। कुछ ऐसे मौके भी आए जब फैंस की धड़कने रुकने को आ गई। हम उम्मीद कर सकते हैं कि चौथे टेस्ट में भी ऐसा ही रोमांच जारी रहेगा। इस टेस्ट में भी जबर्दस्त एक्शन देखने को मिलेगा क्योंकि खिलाड़ियों के बीच पिछले तीन टेस्ट में काफी तनातनी देखने को मिली है और जब भी मौका मिला है तो दोनों टीमों ने एक-दूसरे पर छींटाकशी जरुर की। धर्मशाला के पिच क्यूरेटर ने संकेत दिए हैं कि पिच से तेज गेंदबाजों को मदद मिलने के आसार है, ऐसे में विराट कोहली की टीम को ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण से पार पाना काफी चुनौतीपूर्ण होगा। यह भी देखना रोमांचक होगा कि भारतीय टीम अतिरिक्त तेज गेंदबाज के साथ मैदान संभालेगी या फिर अतिरिक्त बल्लेबाज को टीम में शामिल करेगी। मैच शुरू होने में अब कुछ ही समय शेष है, ऐसे में हमने अंतिम टेस्ट के लिए भारत की संभावित एकादश का पता लगाने की कोशिश की है : ओपनर्स पिछले कुछ समय से बल्ले से निराशाजनक प्रदर्शन करने वाले मुरली विजय ने रांची टेस्ट में लय हासिल की। विजय कंधे में चोट की वजह से दूसरे टेस्ट में नहीं खेल सके थे। उन्होंने रांची में 183 गेंदों में 10 चौके तथा एक छक्के की मदद से 82 रन की पारी खेली। अंतिम टेस्ट में उनका खेलना तय है। विजय का साथ देने के लिए सीरीज में तीसरे सर्वश्रेष्ठ स्कोरर लोकेश राहुल को आजमाया जाना तय है। राहुल ने 56.40 की औसत से 5 पारियों में 282 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने चार अर्धशतक जमाए। वह चौथे भारतीय बल्लेबाज हैं, जिन्होंने एक सीरीज में बिना शतक जमाए चार अर्धशतक जमाए हो। राहुल अपने शानदार फॉर्म को जारी रखते हुए धर्मशाला में बड़ी पारी खेलने की कोशिश करेंगे। ओपनर के रूप में अभिनव मुकुंद को जगह मिलना मुश्किल है, जिन्हें दूसरे टेस्ट में चोटिल विजय की जगह मौका दिया गया था। बाएं हाथ के बल्लेबाज का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा और पहली पारी में शून्य पर आउट होने के बाद दूसरी पारी में वह सिर्फ 16 रन ही बना सके। मध्यक्रम
रांची टेस्ट में दोहरा शतक जमाकर मैन ऑफ़ द मैच का ख़िताब जीतने वाले चेतेश्वर पुजारा तीसरे क्रम के लिए उपयुक्त हैं। वह सीरीज में स्टीव स्मिथ के बाद सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। पुजारा ने रांची टेस्ट की पहली पारी में दोहरा शतक ज़माने के दौरान कई रिकॉर्ड अपने नाम किये। वह टेस्ट में सर्वाधिक गेंदें खेलने वाले भारतीय बल्लेबाज बने। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने मैराथन पारी में 525 गेंदों का सामना किया। विराट कोहली के कंधे में चोट है और अभी खेलने या नहीं खेलने पर कोई आधिकारिक फैसला नहीं आया है। हालांकि, भारतीय कप्तान का मौजूदा सीरीज में प्रदर्शन लचर रहा है। उन्होंने 5 पारियों में सिर्फ 46 रन बनाए हैं। उल्लेखनीय है कि गलत कारणों और स्लेजिंग संबंधित बयानों की वजह से कोहली लगातार सुर्ख़ियों का हिस्सा बने रहे। वह अब ख़राब प्रदर्शन को भूलकर सीरीज का शानदार अंत करना चाहेंगे। अगर कोहली अंतिम टेस्ट में नहीं खेलते हैं तो टीम इंडिया के पास श्रेयस अय्यर के रूप में युवा बल्लेबाज मौजूद है। क्रिकेट फैंस को कोहली के खेलने की उम्मीद जरुर होगी। अजिंक्य रहाणे ने पहले टेस्ट में अर्धशतक जमाने के अलावा अधिक खास प्रदर्शन नहीं किया है। हालांकि, वह भारतीय टीम की बल्लेबाजी इकाई के प्रमुख बल्लेबाज है और उनका टीम में रहना तय माना जा रहा है। ऋद्धिमान साहा ने पिछले टेस्ट में शानदार शतक जमाते हुए पुजारा के साथ 199 रन की शानदार साझेदारी की। ऐसा करके दोनों बल्लेबाजों ने भारत के लिए 8वें विकेट की साझेदारी का 69 वर्ष रिकॉर्ड तोड़ा। साहा ने विकेटकीपिंग से भी काफी प्रभावित किया है और टीम इंडिया में उनकी जगह तय मानी जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि अंतिम टेस्ट में करुण नायर को बाहर बैठना पड़ सकता है। उन्हें टीम में संतुलन बनाने के लिए शामिल किया गया था, लेकिन अच्छी शुरुआत हासिल करने के बावजूद वह बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे। ऑलराउंडर्स/ स्पिनर्स
रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा भारतीय टीम के प्रमुख स्पिनर्स के रूप में मैदान संभालेंगे। दोनों ही उपयोगी बल्लेबाज भी है जो ऑलराउंडर की भूमिका भी बखूबी निभा सकते हैं। अश्विन नियमित अंतराल में विकेट निकालने में सक्षम है, लेकिन रांची टेस्ट में उनका प्रदर्शन प्रभावी नहीं रहा। लिहाजा क्रिकेट फैंस उम्मीद करेंगे कि अश्विन की उँगलियों का जादू दोबारा चले और वह ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को क्रीज पर जमने का मौका नहीं दे। रविंद्र जडेजा अभी शानदार फॉर्म में चल रहे हैं और वह मौजूदा सीरीज में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक रहे हैं। तीन मैचों में जडेजा ने 18.23 की औसत से 21 विकेट चटकाए हैं। वह आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर काबिज हैं। तेज गेंदबाज हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन चीफ क्यूरेटर सुनील चौहान ने खुलासा किया कि पिच से तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की उम्मीद है। ऐसे में विराट कोहली धर्मशाला में तीन विशेषज्ञ तेज गेंदबाजों के साथ मैदान संभाल सकते हैं। उमेश यादव और इशांत शर्मा आखिरी टेस्ट में अंतिम एकादश का नियमित हिस्सा बने रहेंगे। उमेश ने पिछले एक वर्ष में काफी सुधार किया है और वह टीम इंडिया के लिए किफायती गेंदबाज साबित हो रहे हैं। उनकी गति और सटीकता बल्लेबाजों को काफी परेशान कर रही है। स्टीव स्मिथ ने भी उमेश की तारीफ करते हुए कहा कि तेज गेंदबाज में लगातार योर्कर डालने की काबिलियत है। वहीं इशांत शर्मा सीरीज में अधिक विकेट चटकाने में कामयाब नहीं रहे, लेकिन उन्होंने लगातार ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को परेशान किया। वह विरोधी टीम के खिलाड़ियों को स्लेजिंग करके परेशान करने में भी आगे रहे। करुण नायर की जगह टीम में भुवनेश्वर कुमार को मौका मिल सकता है। भुवी में गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की काबिलियत है और अगर पिच से तेज गेंदबाजों को मदद मिली तो वह कंगारू टीम के खिलाफ घातक हथियार साबित हो सकते हैं। अंतिम एकादश इस प्रकार है : मुरली विजय, लोकेश राहुल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, ऋद्धिमान साहा (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार, इशांत शर्मा और उमेश यादव।