खेल भावना का एक दिलचस्प नजारा मंगलवार को आईपीएल के पहले क्वालीफायर मैच में देखा गया। मुंबई इंडियंस और राइजिंग पुणे सुपरजायंट के बीच हुए इस मुकाबले को वानखेड़े स्टेडियम में आरपीएस ने 20 रन से जीता। मुंबई की पारी के दौरान अजिंक्य रहाणे ने खेल भावना का नायाब परिचय दिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए मुंबई के मेक्लेनेघन ने जयदेव उनादकट की गेंद को डीप मिडविकेट पर उछालकर खेला। रहाणे ने इस मौके को भुनाने के लिए तेजी से गेंद की तरफ अपने कदम बढ़ाते हुए गेंद को हाथों में लेकर वहां पहुंचे कप्तान स्टीव स्मिथ की तरफ फेंका जिसे उन्होंने लपक लिया। इस दौरान रहाणे का दांया पांव सीमा रेखा की रस्सी से हल्का सा टकरा गया। कैच के बारे में सुनिश्चितता नहीं होने पर रहाणे ने अपने दोनों हाथों की उंगलियां ऊपर करते हुए 'छह' रन का इशारा कर दिया। हालांकि मैदानी अंपायर ने फैसला ऊपर तक जाने से पहले आउट का इशारा कर दिया था। तीसरे अंपायर की तरफ से पूरी तरह मामले की पड़ताल करने के बाद 'छह' रन का निर्णय आया। इससे पहले रहाणे ने इस मैच में टीम को अच्छी शुरुआत देते हुए बल्ले से भी कमाल दिखाते हुए 43 गेंदों में 58 रनों की पारी खेली थी। बाउंड्री लाइन से पहले अगर रहाणे उछलकर प्रयास करते, तो यह एक शानदार मौका बन सकता था। MCC के नियम 19.4 के अनुसार कैच लेते समय पहले प्रयास में फील्डर के शरीर का कोई हिस्सा सीमा रेखा से आगे नहीं जाना चाहिए या बाउंड्री लाइन के अन्दर मैदान को टच नहीं करना चाहिए। इसी नियम के मुताबिक़ रहाणे का संपर्क गेंद से होते समय पांव सीमा रेखा से भी टकरा गया था और इसे छह रन करार दिया गया। 2013 में इस नियम में बदलाव करते हुए यह निर्धारित किया था कि हवा में अगर कोई खिलाड़ी सीमा रेखा से अन्दर है तो वापस फेंकी गई गेंद को कैच करने पर लीगल माना जाएगा। हालांकि रहाणे का कैच तो नहीं इना गया लेकिन उन्होंने इससे करोड़ों खेल प्रेमियों का दिल जरुर जीत लिया।