इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा चैंपियन मुंबई इंडियंस ने शायद ही सोचा होगा कि 11वें सीज़न की शुरुआत इतनी निराशाजनक रहेगी। 5 मैच खेलने के बाद भी मुंबई की झोली में सिर्फ़ एक जीत गई है, वह अलग बात है कि इस टीम को हर बार आख़िरी ओवर में हार मिली है। आज एक बार फिर मुंबई अपना छठा मुक़ाबला खेलने के लिए तैयार है और उनके सामने है सनराइज़र्स हैदराबाद। मैच मुंबई के घरेलू मैदान वानखेड़े स्टेडियम में रात 8 बजे से खेला जाएगा।
सनराइज़र्स हैदराबाद के पास इतिहास रचने का मौक़ा
मुंबई इंडियंस की नज़र जहां इस मैच को जीतकर हैदराबाद से मिली हार का बदला लेने पर होगी। इस सीज़न में पिछली बार इन दोनों टीमों के बीच मुक़ाबला हैदराबाद में हुआ था, जहां आख़िरी गेंद पर हैदराबाद ने मुंबई को मात दी थी। मुंबई की नज़र अब अपने घर में हैदराबाद को हार चखाने पर होगी, वैसे भी मुंबई को मुंबई में हैदराबाद ने अब तक कभी भी नहीं हराया है। वानखेड़े पर अब तक मुंबई और हैदराबाद के बीच 3 मुक़ाबले हुए हैं, जिसमें से तीनों में ही जीत का सेहरा मेज़बान के सिर बंधा है। हालांकि आंकड़ों में पलड़ा सनराइज़र्स का भारी है, जिन्होंने 11 मैचों में 6 बार मुंबई को मात दी है और 5 बार हार झेली है। लिहाज़ा हैदराबाद की नज़र इस मैच को जीतकर अपने आंकड़े और भी बेहतर करते हुए वानखेड़े पर इतिहास रचने की होगी।
अंतिम लम्हों की ग़लतियों से मुंबई को लेना होगा सबक़
अंक तालिका पर भले ही 5 मैचों में 4 हार के साथ मुंबई इंडियंस सातवें पायदान पर हो, लेकिन अगर आख़िरी लम्हों में मुंबई ने ग़लतियां नहीं की होती तो ये 5 में 5 जीत भी हो सकती थी। जिन 4 मैचों में मुंबई की हार हुई है, उनमें से 3 तो आख़िरी गेंद पर आई है। लिहाज़ा रोहित शर्मा अपने साथी खिलाड़ियों को इस मैच से पहले यही समझा रहे होंगे कि अगर एक बार फिर मुक़ाबला अंत तक जाता है तो किस तरह हमें दबाव में शानदार खेल दिखाना होगा। मुंबई को इसके लिए जसप्रीत बुमराह के साथ भी अलग से बात करनी चाहिए, उनकी क़ाबिलियत पर किसी को संदेह नहीं, बुमराह ने अपने छोटे से ही करियर में कई अंतर्राष्ट्रीय जीतों के नायक रहे हैं। लेकिन पहले चेन्नई सुपर किंग्स और फिर राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ उनके आख़िरी ओवर में आए 19 और 18 रनों ने मैच मुंबई की झोली से दूर कर दिया। इन दोनों ही मैचों में ग़लत मौक़े पर बुमराह ने नो बॉल भी कर डाली, जो उनकी पुरानी समस्या है। इन ग़लतियों से मुंबई और बुमराह को पार पाना बेहद ज़रूरी है।
धवन के खेलने पर सस्पेंस बरक़रार, भुवी हुए बाहर
सनराइज़र्स हैदराबाद का सफ़र भी इस टूर्नामेंट में अब तक रोलर कोस्टर की तरह रहा है, पहले 3 में से 3 मुक़ाबले जीतकर टीम नंबर-1 की कुर्सी पर क़ाबिज़ थी। फिर पंजाब और चेन्नई से मिली एक के बाद एक हारों ने उन्हें झकझोड़ दिया है, इसकी बड़ी वजह है शिखर धवन का चोटिल होना और राशिद ख़ान का लगातार दो मैचों में फ़्लॉप होना। धवन के खेलने पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है, धवन की बाईं कोहनी में चोट है और वह खेल पाएंगे या नहीं ये टॉस के वक़्त ही साफ़ हो पाएगा। साथ ही साथ सनराइज़र्स को एक और बड़ा झटका लगा है, भुवनेश्वर कुमार की मांसपेशियों में आए खिंचाव की वजह से उन्हें इस मैच में बाहर बैठना होगा। भुवी चेन्नई के ख़िलाफ़ इसी वजह से अपने 4 ओवर का कोटा पूरा नहीं कर पाए थे।
पिच का पेंच और मौसम का मिज़ाज
मुंबई में अगर मैच हो रहा हो और मुक़ाबला वानखेड़े स्टेडियम में खेला जा रहा हो तो ये सभी जानते हैं कि वहां रनों की बारिश तय है। वजह है रोड जैसी पिच और तेज़ आउटफ़िल्ड के साथ छोटी बाउंड्रीज़ जो बल्लेबाज़ों के लिए जन्नत है। हालांकि समंदर किनारे होने की वजह से यहां शाम के बाद हवा आती है जो तेज़ गेंदबाज़ों को स्विंग दिलाती है, यानी उनके लिए भी हमेशा इस पिच में कम से कम नई गेंद से मदद रहती है। स्पिनर्स के लिए घुमाव तो कम लेकिन पिच से उछाल ज़रूर मिलता है जो उन्हें बल्लेबाज़ों को परेशान करने में मदद दिलाता है। लिहाज़ा क्रिकेट के लिए वानखेड़ी की पट्टी बेहतरीन है और मौसम भी इसे और शानदार बना रहा है। मुंबई में फ़िलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं है, हां क्रिकेट वैज्ञानिकों ने बारिश की संभावना ज़रूर की है लेकिन पानी की नहीं बल्कि रनों की।