इंडियन प्रीमियर लीग के प्लेऑफ शुरू होने में मात्र 10 दिन शेष हैं। चेन्नई सुपरकिंग्स और दिल्ली कैपिटल्स को छोड़ दें तो लगभग सभी टीमें प्लेऑफ की दौड़ में मौजूद हैं क्योंकि चेन्नई सुपर किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स का प्लेऑफ में पहुंचना अब तय है।
आईपीएल समाप्त होने के लगभग 15 दिन बाद वर्ल्ड कप शुरू होने वाला है जिसके लिए सभी देशों ने अपनी कमर कस ली है। वर्ल्ड कप की तैयारियों के लिए सभी विदेशी खिलाड़ी जल्द ही स्वदेश लौटने वाले हैं। विदेशी खिलाड़ियों को वापिस लौटने से कई टीमों को नुकसान हो सकता है जिसमें से एक टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर भी है जिसके लिए अगले सभी मुकाबले 'करो या मरो' वाले हैं। इस टीम से मोईन अली अपने देश वापस लौट चुके हैं जबकि मार्कस स्टोइनिस भी 1 मई तक उपस्थित रहेंगे।
इनके अलावा जोफ्रा आर्चर, बेन स्टोक्स, जॉस बटलर और जॉनी बेयरस्टो वर्ल्ड कप की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए अपने देश वापस लौट चुके हैं। सभी खिलाड़ियों ने इस सीजन शानदार प्रदर्शन किया है। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को 26 अप्रैल तक आईपीएल खेलने की इजाजत दी थी इसीलिए सभी अंग्रेजी खिलाड़ी अब स्वदेश लौट गए हैं।
आज हम बात करने जा रहे हैं उन तीन खिलाड़ियों के बारे में जो मोईन अली की जगह टीम में शामिल हो सकते हैं।
#3. शिवम दुबे:
शिवम दुबे बैटिंग ऑलराउंडर हैं जो लंबे छक्के लगाने में माहिर हैं। उन्होंने मुंबई टी20 लीग में प्रवीण तांबे के एक ओवर में लगातार 5 छक्के जड़ दिए थे जबकि रणजी ट्रॉफी में भी बड़ौदा के खिलाफ खेलते हुए स्वप्निल सिंह के एक ओवर में लगातार 5 छक्के जड़ दिए थे। यह कारनामा उन्होंने ऑक्शन से पहले किया था इसीलिए रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने उन्हें 5 करोड़ रुपये की बड़ी कीमत पर खरीदा था।
उन्होंने इस सीजन अब तक अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है लेकिन उनसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है इसीलिए विराट कोहली उन्हें एक मौका जरूर दे सकते हैं। उन्होंने इस सीजन 3 मैचों में मात्र 16 रन बनाए हैं।
#2. कॉलिन डी ग्रैंडहोम:
कॉलिन डी ग्रैंडहोम शुरुआती 3 मैचों में टीम का हिस्सा रह चुके हैं। लेकिन वे न ही बल्ले से और न ही गेंद से अच्छा प्रदर्शन कर पाए थे जिस कारण कप्तान कोहली ने उन्हें बाहर कर दिया और पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज खेलकर वापस लौटे ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर मार्कस स्टोइनिस को मौका दिया। मार्कस स्टोइनिस ने भी अच्छा प्रदर्शन किया और 8 मैचों में 159 रन बनाए और 2 विकेट भी लिए।
मोईन अली की अनुपस्थिति में टीम को एक ऐसे ऑलराउंडर की जरूरत पड़ेगी जो मध्यक्रम में तेज बल्लेबाजी कर सके और जरूरत पड़ने पर गेंदबाजी भी कर सके जिसके लिए कॉलिन डी ग्रैंडहोम फिट बैठते हैं। ग्रैंडहोम का यह सीजन भले ही अब तक अच्छा न बीता हो लेकिन उनके पास लंबे शॉट खेलने की क्षमता है और अच्छी गेंदबाजी करने की काबिलियत भी है। वे पिछले सीजन अपने बल्लेबाजी का प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने पिछले सीजन 9 मैचों में 26.60 की औसत से 139 रन बनाए थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 155.95 का था।
#1. हेनरिक क्लासेन:
दक्षिण अफ्रीकी विकेटकीपर बल्लेबाज हेनरिक क्लासेन स्पिन गेंद को अच्छा खेलते हैं। इस बात को उन्होंने तब ही साबित कर दिया था जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर गई भारतीय टीम के मुख्य स्पिन गेंदबाज युजवेंद्र चहल की दूसरे टी20 मैच में अच्छे से खबर ली थी। उस मैच में युजवेंद्र चहल ने 4 ओवर में 63 रन खर्च किए थे।
हेनरिक क्लासेन को पिछले सीजन राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा था लेकिन संजू सैमसन के अच्छे फॉर्म के कारण उन्हें टीम की ओर से मात्र 4 मैचों में खेलने का मौका मिला था जिसमें उन्होंने 19 की औसत से 57 रन बनाए थे। जिसमें वो एक बार नॉटआउट रहे थे जबकि उनका स्ट्राइक रेट 121.27 का रहा था। इसके बाद राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 2019 के ऑक्शन से पहले रिलीज कर दिया फिर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने उन्हें 50 लाख रुपये में खरीदा। वे इस सीजन अब तक 1 मैच खेल चुके हैं जिसमें उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला है। हेनरिक क्लासेन टीम में मध्यक्रम बल्लेबाजी को मजबूती प्रदान कर सकते हैं।
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