आईपीएल 2019: टूर्नामेंट में मुंबई इंडियंस की खराब शुरूआत के 3 कारण

मुंबई इंडियंस ने अब तक अपने तीन में से दो मैच हारे हैं

इंडियन प्रीमियर लीग का पहला हफ्ता खत्म हो चुका है और टूर्नामेंट की शुरुआत में मुंबई इंडियंस एक बार फिर से पहले की तरह अच्छा प्रदर्शन नही कर सकी है। तीन बार की विजेता मुंबई इंडियंस अपना पिछला मैच किंग्स इलेवन पंजाब सेआठ विकेट से हारे थे जिसके बाद अब वो अपने पहले तीन मैचों में से दो में हार चुके हैं।

जाहिर है, दिल्ली कैपिटल्स और किंग्स इलेवन दोनों ने उनके खिलाफ आरामदायक जीत दर्ज की। यहां तक कि रॉयल चैलेंजर्स बैंग्लोर के खिलाफ मिली जीत भी आसान नही थी और एक तरह से वह जीत केवल जसप्रीत बुमराह की करिश्माई गेंदबाज़ी के कारण मिली थी और यह टीम सौभाग्यशाली रही कि मैच की अंतिम गेंद जो कि एक नो-बॉल थी उसपर अंपायर का ध्यान नही गया।

एक टीम के रूप में मुंबई इंडियंस कागज पर सबसे मजबूत और सबसे संतुलित दिखती है, लेकिन मैदान पर उनके प्रदर्शन से ऐसा प्रतीत नही होता है। रोहित शर्मा की टीम अब तक उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है और फॉर्म और भाग्य में फिर से सुधार की जरूरत है। नही तो संभव है कि वे लगातार दूसरे सीजन प्लेऑफ़ में जगह बनाने में सफल न हो सकें। यहाँ हम अब तक कि ऐसी 3 कमियों पर नज़र डाल रहे हैं, जिनमे सुधार इस टीम को वापस जीत की पटरी पर ला सकता है।


# 3 मयंक मारकंडे का उपयोग

मयंक मार्कंडे

यह कोई रहस्य नहीं है कि आधुनिक क्रिकेट में कलाई के स्पिनर किसी भी टीम के लिए बेहद ख़ास योगदान देते हैं। युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, राशिद खान और इमरान ताहिर जैसे खिलाड़ी अपने-अपने फ्रेंचाइजी के सबसे बड़े विकेट लेने के विकल्प हैं।

इसलिए, पिछले सीजन में मयंक मारकंडे का उभर के आना मुंबई इंडियंस के लिए बड़ी राहत की बात थी। उस समय वह युवा खिलाड़ी थे और उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स और सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ अपने पहले दो मैचों में सात विकेट से शुरुआत की थी। इसके बावजूद कि उनका फॉर्म सीजन के दूसरे भाग में एक समान नही रहा, उन्हें सीजन की खोज में से एक माना गया।

आईपीएल के बाद, मारकंडे ने घरेलू क्रिकेट में पंजाब के लिए शानदार प्रदर्शन किया। इसके चलते उन्होंने फरवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी 20 में भारत की टीम में जगह मिली। एक खिलाड़ी के रूप में इस 21 वर्षीय खिलाड़ी द्वारा इस सीजन में मुंबई इंडियंस के लिए एक प्रमुख भूमिका निभाने की उम्मीद थी। हालाँकि, अब तक ऐसा नहीं हुआ है। कई लोगों के लिए यह आश्चर्य की बात थी कि मार्कंडे दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ पहले मैच के लिए प्लेइंग इलेवन में नहीं थे।

जब वह रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ वापस लौटे, तो उन्होंने सिर्फ 23 रन देकर 1 विकेट लिया इसके बावजूद उनसे केवल तीन ओवर करवाए गये। वो भी तब युवराज सिंह ने एबी डीविलियर्स का एक कैच उनकी गेंद पर छोड़ दिया था और डीविलियर्स उनके सामने संघर्ष कर रहे थे।

इसके अलावा, मारकंडे को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ केवल एक ओवर दिया गया था। दोनों मैचों में, रोहित शर्मा ने एक महंगे ओवर के बाद मार्कंडे को गेंद नहीं दी। अगर मुंबई टूर्नामेंट जीतना चाहती है, तो रोहित शर्मा को अपने लेग स्पिनर पर अधिक विश्वास दिखाना होगा।

# 2 मध्यक्रम का ख़राब प्रदर्शन

दबाव में टीम का मध्यक्रम अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रहा है

इस सीजन में अब तक मुंबई ने 176, 187/8, और 176/7 के स्कोर बनाए हैं। वैसे तो ये ये स्कोर अच्छे हैं और कहा जा सकता है कि इस साल मुंबई की बल्लेबाजी ने क्लिक किया है। हालांकि, वास्तव में, रोहित शर्मा की टीम को जैसी शुरुआत मिली उसके बाद ये स्कोर और बेहतर होने चाहिए थे।

दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ कुल 214 रनों का पीछा करने उतरी मुंबई लक्ष्य के करीब नहीं पहुंच पाई। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर के खिलाफ वो 13.3 ओवरों में 124-2 होने के बाद भी 16.3 ओवरों में 146-6 तक पहुंचे। वो तो अंतिम ओवेरों में हार्दिक पांड्या का बल्ले से शानदार प्रदर्शन रहा जिससे वह एक सम्मानजनक लक्ष्य रख सके।

पंजाब के खिलाफ भी यही कहानी दोहराई गई। शानदार शुरुआत के बाद भी टीम 12.5 ओवर में 120-2 से 18.3 ओवर में 162-6 बना सकी। स्पष्ट रूप से, मध्य क्रम रन बनाने में विफल हो रहा है और स्कोरिंग दर भी धीमा कर रहा है। दुर्भाग्य से, जैसा कि मुंबई इंडियंस के साथ पिछले सीज़न में भी यही परेशानी रही थी।

ऐसा होने के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि किरोन पोलार्ड का बल्ले से प्रदर्शन अच्छा नही रहा है। पोलार्ड पिछले एक दशक में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टी 20 खिलाड़ियों में से एक रहे हैं और उन्होंने मुंबई इंडियंस की तीन खिताबी जीत में एक बड़ी भूमिका निभाई है।

हालांकि, उन्होंने इस सीज़न में तीन मैचों में केवल 33 रन बनाए हैं और उनके नाम कोई भी बड़ी पारी नही है। ऐसा लग रहा है पिछले सीज़न कि तरह ही इस बार भी वो बल्ले से संघर्ष कर रहे हैं।

साथ ही मध्यक्रम में युवराज सिंह का होना भी इस समस्या को और बढ़ता है क्यूंकि उनका बाले से प्रदर्शन अब तक तो अच्छा रहा है परन्तु रनों की गति कहीं न कहीं प्रभावित होती दिख रही है। पंजाब के खिलाफ मैच मैं जहाँ उन्होंने 22 गेंदों पर 18 रन बनाये तो दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में खेले गये मैच में युवराज ने अर्धशतक बनाया, लेकिन अगर एक्सर पटेल के ओवर को हटा दें तो उन्होंने केवल 25 गेंदों में 21 रन बनाए। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर के खिलाफ भी वह युजवेंद्र चहल को लगातार तीन छक्के लगाने के बाद आउट हो गये।

इस प्रकार यह तो स्पष्ट है कि मुंबई इंडियंस का मध्यक्रम अच्छी शुरुआत को भुनाने में असफल रहा है और इस सीज़न बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें जिम्मेदारी लेनी होगी।

# 3 ईशान किशन और बेन कटिंग को न खिलाना

इशान किशन को इस सीजन में अभी तक मुंबई इंडियंस की तरफ से मौका नही मिला है

इस सीज़न मुंबई इंडियंस टीम का खिलाड़ियों का चयन आश्चर्यजनक रहा है। ईशान किशन को न खिलाने की उम्मीद शायद ही किसी को रही हो। झारखंड के इस विकेटकीपर बल्लेबाज़ को पिछले साल की नीलामी में 6.2 करोड़ में खरीदा था।

वह ऐसे खिलाड़ी हैं जिनपर न सिर्फ मुंबई की टीम ने बहुत सारे पैसे का निवेश किया है, बल्कि अनिरंतर प्रदर्शनों के बावजूद जिनपर बहुत विश्वास दिखाया है। पिछले सीज़न में उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नही रहा था और उन्होंने 14 मैचों में 149.45 की अविश्वसनीय स्ट्राइक रेट से 275 रन बनाए थे। मगर इस 20-वर्षीय खिलाड़ी को हमेशा भविष्य के निवेश के रूप में देखा गया था और विशेषज्ञों ने महसूस किया कि 2019 इस युवा के लिए अच्छा सीज़न हो सकता है।

ईशान किशन ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में आठ मैचों में 55.50 की औसत और 151.36 के स्ट्राइक रेट से 333 रन बनाए और शानदार प्रदर्शन करते हुए इस साल के आईपीएल में आए। भारत के पूर्व अंडर -19 कप्तान अपनी उच्च स्कोरिंग दर पर खेलने की क्षमता के साथ, ऐसे खिलाड़ी हैं जो नंबर तीन या चार पर बल्लेबाजी करके टीम को मजबूत करे सकते हैं।

इसके अलावा बेन कटिंग को खिलाना भी एक आश्चर्यचकित करने वाला फैसला है। इस कीवी खिलाड़ी को पहले मैच के बाद रॉयल चैलेंजर के बैंग्लोर और किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ टीम में नहीं चुना गया था। उनका चयन न होना वास्तव में आश्चर्यचकित करने वाला है, क्यूंकि उनका हाल का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है और वो टीम के लिए बहुत उपयोगी नही हो सकते हैं।

ब्रिस्बेन हीट के लिए खेलते हुए, कटिंग ने 14 मैचों में 153.70 के स्ट्राइक रेट से 249 रन बनाए और साथ ही12 विकेट भी लिए। जहाँ पोलार्ड बल्ले के साथ संघर्ष कर रहे हैं और गेंदबाजी भी बिल्कुल नही कर रहे हैं, कटिंग निश्चित रूप से टीम के लिए अधिक उपयोगी होंगे।

गेंदों को आसानी से बाउंड्री साफ के बाहर भेजने की उनकी क्षमता से हार्दिक पंड्या पर पारी को खत्म करने का दबाव कम हो जाएगा। वह सनराइजर्स हैदराबाद के लिए 2016 के फाइनल में मैन ऑफ द मैच थे और टी 20 क्रिकेट के एक शानदार खिलाड़ी हैं। ऐसे में मुंबई इंडियन्स को अब एक बार अपने टीम चयन पर भी ध्यान देना होगा।

Quick Links

Edited by सावन गुप्ता
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications